Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद से ही सियासी पारा हाई है. पहले नतीजों के बाद लगातार सीएम के नाम पर फैसला लेने में संघर्ष चलता रहा. आखिरकार 12 दिन बाद इस नाम पर मुहर लगी और बीजेपी के कद्दावर नेता देवेंद्र फडणवीस ने बतौर सीएम शपथ ले ली. लेकिन शुरू से ही शिवसेना चीफ एकनाथ शिंदे महायुति के लिए टेंशन बढ़ाने का काम कर रहे हैं. पहले उन्होंने अपनी मांगों के चलते सीएम चेहरे पर मुहर लगाने में वक्त लगवाया फिर विभाग बंटवारे को लेकर भी लंबी खींचतान चलती रही. अब एक बार फिर एकनाथ शिंदे ने महायुति में मोर्चा खोल दिया है.
एकनाथ शिंदे ने खोल दिया मोर्चा
महायुति में सब ठीक नहीं चल रहा है. एक के बाद एक एकनाथ शिंदे अपने दांव चल रहे हैं और गठबंधन में दरार बढ़ रही है. सूत्रों की मानें तो अब शिंदे ने विभाग बंटवारे पर नाराजगी जाहिर कर दी है. लंबे वक्त से शिंदे गृहमंत्री की डिमांड कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कुछ बड़े पोर्टफोलियो वाले विभाग भी मांगे हैं. बताया जा रहा है कि विभाग बंटवारे में उनकी इच्छा पूरी नहीं हो पाई है. लिहाजा उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है.
मीटिंग में नहीं पहुंचे शिंदे
मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर महायुति की एक अहम बैठक बुलाई गई थी. लेकिन शायद शिंदे के पहले ही पता था कि बंटवारे में उनकी इच्छा पूरी नहीं हो पाएगी. लिहाजा उन्होंने इस खास बैठक में शिंदे पहुंचे ही नहीं. इससे पहले दिल्ली में भी अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ महायुति के बड़े नेताओं की एक बैठक हुई. इस बैठक से भी शिंदे नदारद रहे. उनका ये कदम निश्चित रूप से महायुति में दरार की ओऱ से इशारा कर रहा है.
क्यों नाराज हैं एकनाथ शिंदे
सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे शुरू से ही कैबिनेट में बड़े मंत्रालयों या फिर पदों को लेकर अपना दावा प्रस्तुत कर रहे हैं. लेकिन बीजेपी की ज्यादा सीटों के चलते उनकी बात को ज्यादा तवज्जो नहीं मिल रही है. डिप्टी सीएम तो बना दिया गया लेकिन उनके मनचाहे विभाग उन्हें नहीं दिए जा रहे हैं. यही कारण है कि शिंदे अपनी नाराजगी अब सरेआम जाहिर कर रहे हैं.
14 दिसंबर को अहम दिन
14 दिसंबर का दिन महाराष्ट्र की राजनीति के लिए अहम माना जा रहा है क्योंकि इस दिन मंत्रिमंडल का विस्तार होना है. इस दौरान सामने आ जाएगा कि शिंदे को महायुति में क्या दर्जा दिया गया है. शिवेसना ने जिन मंत्रालयों की मांग की है उसमें गृहमंत्रालय के साथ लोक कल्याण विभाग और राजस्व प्रमुख रूप से शामिल है.