बांग्लादेश में चल रहे संकट के बीच महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मीरा रोड से पांच बांग्लादेशी महिलाएं गिरफ्तार हुई हैं. पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया ये सभी बिना अनुमति और वैध दस्तावेजों के भारत में रह रही थीं. एंटी ह्यूमन ट्र्रैफिकिंग सेल ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. मामला नयानगर और बेवर्ली पार्क इलाके का बताया जा रहा है.
सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) मदन बल्लाल ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि मीरा रोड इलाके में कुछ बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं, जिसके बाद शनिवार को दो झुग्गियों में छापेमारी की गई. अभियान में पांच बांग्लादेशी महिलाओं को पकड़ा गया. उन्होंने आगे बताया कि पूछताछ के दौरान वे देश में रहने के लिए न तो पासपोर्ट और न ही वीजा दिखा सकीं. पुलिस ने बताया कि शनिवार को महिलाओं को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया जिसके तहत छापेमारी की और पांचों को गिरफ्तार किया. पकड़ी गईं महिलाओं में से तीन नया नगर इलाके में और दो बेवर्ली पार्क इलाके में थीं.
नहीं दिखा सकीं वैध दस्तावेज
सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) मदन बल्लाल ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि मीरा रोड इलाके में कुछ बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं, जिसके बाद शनिवार को दो झुग्गियों में छापेमारी की गई. उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान पांच बांग्लादेशी महिलाओं को पकड़ा गया जो पूछताछ के दौरान देश में रहने के लिए कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकीं. पुलिस ने बताया कि उनके खिलाफ मीरा रोड और नया नगर थानों में पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम और विदेशी अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है एवं मामले की जांच चल रही है.
असम में भी मिले बांग्लादेशी नागरिक
वहीं दूसरी ओर असम में भी सोमवार को पुलिस ने अवैध रूप से असम में घुसे एक महिला समेत चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया. बता दें कि 18 अगस्त की सुबह धुबरी की ओर से भारत-बांग्लादेश सीमा पार करते हुए लिपि अख्तर नामक एक महिला असम में दाखिल हुई. बताया जा रहा है कि वह पैदल ही दक्षिण सलमारा जिले के सुखचर पहुंची और एक घर में शरण ली थी. इसके बाद एक दिन उस इलाके में गुजारा.जब वह सुखेर चार से नाव द्वारा धुबरी आई तो लिपि को धुबरी के योगमाया घाट से पुलिस ने पकड़ लिया.
दलाल कर रहे मदद
महिला ने पूछताछ में बताया कि वह दलालों की मदद से भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुई. वह अपने पति और 15 अन्य बांग्लादेशी नागरिकों के साथ असम आई थी. दो दलालों ने उन्हें भारत में दाखिल होने में सहायता की. जांच पूरी होने के बाद असम पुलिस और प्रशासन ने महिला को बांग्लादेशी अधिकारियों को सौंप दिया.