लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 7 अगस्त (सोमवार) को को दो महत्वपूर्ण फैसले ले सकते हैं। एक कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने से संबंधित है और दूसरा भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया की संभावित अयोग्यता से संबंधित है। राम शंकर कठेरिया को विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने दंगा करने और लोगों को चोट पहुंचाने के एक पुराने मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी थी, जिससे उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ हो गया था। सूत्रों के मुताबिक, बिरला दफ्तर को सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिल गया है और वह सोमवार को गांधी की सदस्यता बहाल करने पर फैसला ले सकते हैं।
इस बीच, आगरा जिले की एक विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने 5 अगस्त को 12 साल पुराने मामले में इटावा से भाजपा सांसद कठेरिया को दो साल कैद की सजा सुनाई थी, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष सोमवार को उनकी संभावित अयोग्यता पर भी फैसला ले सकते हैं।
कांग्रेस चाहती है कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जल्द से जल्द बहाल हो जाए, जिससे अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में उनकी भागीदारी का रास्ता साफ हो जाए। सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से संबंधित दस्तावेज लोकसभा अध्यक्ष के दफ्तर को मिल गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वहीं कठेरिया को आईपीसी की धारा 147 और 323 के तहत दोषी ठहराया गया है। कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
कठेरिया को संभावित अयोग्यता का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि कानून के तहत लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत दो या अधिक साल की कैद की सजा का प्रावधान है। साथ ही अगले छह साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई है।
ज्ञात हो कि राहुल गांधी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को उनके खिलाफ मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। सूरत की एक अदालत ने पहले उन्हें दोषी पाया था और उन्हें अधिकतम दो साल की कैद की सजा सुनाई थी, जिसके कारण उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
गुजरात हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
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Source : IANS