/newsnation/media/media_files/qoYvYpNlq1KeNQfzobeh.jpg)
Parliament News
Parliament News: संसद की सुरक्षा व्यवस्था और गोपनीयता को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में लोकसभा सचिवालय ने एक अहम कदम उठाया है. हाल ही में जारी एक आधिकारिक बुलेटिन के जरिए सांसदों को स्पष्ट रूप से सलाह दी गई है कि वे संसद भवन और पूरे संसद परिसर में किसी भी तरह के स्मार्ट डिवाइस का उपयोग न करें. इनमें स्मार्ट चश्मा, कैमरा युक्त पेन और स्मार्ट घड़ियां जैसे आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हैं.
क्यों लिया गया ये फैसला
लोकसभा सचिवालय का कहना है कि तकनीक के तेजी से विस्तार के कारण आज बाजार में कई ऐसे उन्नत डिजिटल गैजेट आसानी से उपलब्ध हैं, जिनका दुरुपयोग संभव है. ये डिवाइस दिखने में सामान्य लग सकते हैं, लेकिन इनके जरिए गुप्त रूप से ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग की जा सकती है. इससे न केवल सांसदों की व्यक्तिगत निजता को खतरा हो सकता है, बल्कि संसद के भीतर होने वाली संवेदनशील चर्चाओं की गोपनीयता भी भंग हो सकती है.
और क्या है वजह
बुलेटिन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कुछ स्मार्ट उपकरण निगरानी या जासूसी के उद्देश्य से भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं. यदि संसद परिसर में इस तरह के डिवाइस सक्रिय रहते हैं, तो यह संसद की सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन सकते हैं. साथ ही, इससे संसदीय विशेषाधिकारों और मर्यादाओं का उल्लंघन होने की आशंका भी जताई गई है.
सांसदों से की अपील
लोकसभा सचिवालय ने सांसदों से अपील की है कि वे संसद भवन में प्रवेश करते समय यह सुनिश्चित करें कि उनके पास ऐसा कोई भी स्मार्ट या रिकॉर्डिंग सक्षम उपकरण न हो, जिससे सुरक्षा या गोपनीयता पर असर पड़े. यह एडवाइजरी केवल व्यक्तिगत सावधानी तक सीमित नहीं है, बल्कि संसद की सामूहिक गरिमा और लोकतांत्रिक संस्थाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए भी जरूरी मानी जा रही है. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब डिजिटल तकनीक तेजी से उन्नत हो रही है और सुरक्षा संबंधी चुनौतियां भी बढ़ रही हैं.
यह भी पढ़ें: लोकसभा में पारित VB-G RAM G Bill 2025 के कितने फायदे? नया क्या? यहां जानें सब कुछ
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us