Ladakh : देपसांग और डेमचोक में डिसएंगेजमेंट का काम पूरा, सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों ने एक दूसरे को खिलाई मिठाई

 भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिक पीछे हट चुके हैं. देपसांग और डेमचोक में डिसएंगेजमेंट का काम पूरा हो चुका है. दिवाली के पर्व पर दोनों देशों के सैनिकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई. 

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Mohit Saxena
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भारत और चीन के बीच देपसांग और डेमचोक में डिसएंगेजमेंट का काम पूरा हो गया है. भारत-चीन बॉर्डर पर दोनों देशों के सैनिक पीछे हट गए हैं. आज या कल से दोनों देशों की सेना यहां गश्त कर रही है. दिवाली के मौके पर दोनों देशों के सैनिकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई. तनाव कम होने की वजह से पूर्वी लद्दाख के देपदांग और डेमचोक में ही नहीं बल्कि कई जगहों पर   भी मिठाई बांटी गईं. इसमें लद्दाख में चुशुल मोल्दो, सिक्कम में नाथूला,अरुणाचल में बुमला समेत कई  अन्य जगहें हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पांच बीएमपी प्वाइंट्स पर मिठाइयों को बांटा गया. 

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डेमचोक-देपसांग से हटी चीन-भारत की सेना 

सेना के सूत्रों के अनुसार, बुधवार को देपसांग और डेमचोक में डिसएंगेजमेंट का काम पूरा हो गया था.  इसके बाद पेट्रोलिंग को लेकर लोकल कमांडर स्तर की बातचीत भी हुई. आज या कल से दोनों देनों  की सेना देपसांग और डेमचोक क्षेत्र में गश्त आरंभ कर देगी. बीते साढ़े चार साल से तनाव के कारण यहां पर पेट्रोलिंग बंद थी. हाल ही में दोनों देशों को लेकर इस सहमति बनी. यह समझौता केवल डेमचोक और डेपसांग को लेकर हुआ. अन्य इलाकों में बातचीत जारी है. 

सबसे लंबी सीमा साझा करते हैं भारत-चीन

आपको बता दें कि भारत और चीन विश्व की सबसे लंबी और विवादित सीमा को साझा करते हैं. इसे  लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी कहा जाता है. ये 3488 किलोमीटर लंबी बताई सीमा है.  तीन सेक्टर्स-ईस्टर्न, मिडिल और वेस्टर्न में भारत और चीन की सीमा को बांटा गया है. यह लंबी रेखा है. इसको लेकर भारत और चीन, लद्दाख से अरुणाचल तक कई भागों में अलग-अलग दावे किया करता है. इससे टकराव के हालात बने रहते हैं. समझौते के बाद देपसांग और डेमचोक में दोनों देशों की सेना पीछे हट चुकी है.

गलवान झड़प के बाद रिश्तों में खटास

जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के बीच रिश्तों में खटास देखी गई. यह बीते कुछ दशहों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष बताया गया था. कई सप्ताह की बातचीत के बाद 21 अक्टूबर को समझौते को आखिरी रूप दिया गया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने  एक बयान जारी करते हुए कहा था कि भारत और चीन की सेना पहले की तरह गश्त कर सकेगी. 

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