महानगर के बड़तल्ला इलाके में हुए रेप के मामले में कोर्ट ने 80 दिनों के अंदर फैसला सुना दिया. आरोपी को फांसी की सजा दी गई है. इस मामले में फुटपाथ से सात माह की बच्ची को उठाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया. इस मामले में दोषी को बैंकशाल कोर्ट ने सजा सुनाई है. कानून के जानकारों का कहना कि यह निर्णय अभूतपूर्व है. बच्ची जीवित है. अदालत का कहना है कि जिस तरह से सात माह की बच्ची से दुष्कर्म हुआ है. यह दुर्लभ से दुर्लभतम अपराध की श्रेणी में है.
80 दिनों के अंदर सुनाया निर्णय
कोर्ट ने घटना के 80 दिनों के अंदर राजवी घोष नाम के शख्स को फांसी की सजा सुनाई है. वहीं पीड़ित बच्ची के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. बचाव पक्ष के वकील और सरकारी वकील की सुनवाई के बाद कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना है. न्यायाधीश इंद्रिला मुखर्जी ने दोषी राजीव घोष को विभिन्न धारों के तहत दोषी पाया. बीते वर्ष 30 नवंबर को यह क्राइम हुआ था. दोषी राजीव घोष को 5 दिसंबर की सुबह के वक्त झारग्राम जिले के गोपीबल्लवपुर इलाके में उसके घर से गिरफ्तार किया गया था. वह फरार होने की कोशिश में था. पुलिस ने इस केस में 30 दिसंबर को पहला आरोप पत्र दाखिल किया. कुछ दिन बाद पूरक आरोप पत्र को दाखिल किया गया.
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बच्ची का इलाज चल रहा है. सात जनवरी को शुरू हुई सुनवाई प्रक्रिया को पूरा होने में मात्र 80 दिन लगे. यह बीते छह माह में पश्चिम बंगाल की अदालत की ओर से सुनाई गई सातवीं मौत का मामला है. नाबालिगों पर यौन उत्पीड़न करने के लिए पॉक्सो अधिनियम के तहत दी गई यह छठी मौत की सजा थी. इस निर्णय पर पीड़ित पक्ष संतुष्ट है.