Ex Governor Benefits: पूर्व राज्यपालों को मिलती है इतनी सुविधाएं, जानें कितनी है पेंशन

Ex Governor Benefits: क्या आप जानते हैं कि पूर्व राज्यपालों को देश में कितनी पेंशन और कितनी सुविधाएं मिलती हैं, अगर नहीं तो ये खबर आपके लिए ही है. आइये जानते हैं…

Ex Governor Benefits: क्या आप जानते हैं कि पूर्व राज्यपालों को देश में कितनी पेंशन और कितनी सुविधाएं मिलती हैं, अगर नहीं तो ये खबर आपके लिए ही है. आइये जानते हैं…

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Jalaj Kumar Mishra
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Know the benefits of Ex Governor

Ex Governor Benefits

Ex Governor Benefits: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है. दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में वे लंबे वक्त से भर्ती थे. उनका इलाज जारी था. वे जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ मेघालय और गोवा जैसे राज्यों के गवर्नर रह चुके हैं. मलिक के कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर से आज के ही दिन धारा 370 हटाई गई थी. ऐसे में आइये जानते हैं कि आखिर पूर्व राज्यपालों को कितनी पेंशन और कितनी सुविधाएं मिलती है.  

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Ex Governor Benefits: गवर्नर की सुविधाएं और सैलरी कितनी है

गवर्नर पद पर रहते हुए अच्छी सैलरी और सुविधाएं दी जाती हैं. एक गवर्नर की सैलरी 3.5 लाख रुपये महीने के आसपास होती है. गवर्नर पद पर रहते हुए उन्हें रॉयल सरकारी आवास और लंबा-चौड़ा स्टाफ मिलता है. देश में राष्ट्रपति के बाद सबसे ज्यादा सुविधाएं एक राज्यपाल को ही मिलती है. उन्हें आवास सजाने से लेकर टेलीफोन बिल और ट्रैवल अलाउंस भी दिया जाता है. गवर्नर रहते हुए तो बहुत सारी सुविधाएं मिलती हैं लेकिन कार्यकाल खत्म होने पर क्या सुविधाएं मिलती है, आइये जानते हैं….

Ex Governor Benefits: रिटायमेंट के बाद क्या सुविधाएं मिलती है

पद पर रहते हुए अच्छी सैलरी और दुनिया की सारी सुख सुविधाएं भोगने वाले गवर्नर्स को रिटायरमेंट के बाद न तो कई आवास मिलता है और न ही कोई पेंशन या कोई भत्ता. हालांकि, अगर उनका स्वास्थ्य खराब है तो उनके इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करती है. इलाज के अलावा, सभी खर्चे पूर्व राज्यपाल को खुद ही उठाना पड़ता है. 1982 के अधिनियम के अनुसार राज्यपालों को पेंशन देने का कोई प्रावधान नहीं है.

Ex Governor Benefits: गवर्नर को क्यों नहीं मिलती पेंशन और सुविधाएं

10 दिसंबर 2012 को तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने लोकसभा में द गवर्नर्स एमेंडमेंट बिल पेश किया था. इसमें राज्यपाल को कुछ सुविधाओं के लिए हर महीने 1,10,000 रुपये देने का प्रावधान किया गया था. बिल में पूर्व राज्यपाल को सिर्फ चिकित्सा सुविधाओं के लिए अधिकारी माना गया. बिल में प्रावधान किया गया कि राज्यपाल को उम्र भर के लिए एक कार्यकाल सहायक दिया जाएगा, जिसकी सैलरी 25 हजार रुपये होगी. 2008 में केंद्र सरकार ने राज्यपालों को पेंशन देने की कोशिश की थी लेकिन ये आगे नहीं बढ़ पाया और मामला वहीं खत्म हो गया.  

 

Satyapal Malik
      
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