India Bangladesh controversy: ये बात जग जाहिर है कि इन दिनों भारत और बांग्लादेश के रिश्तों का सबसे बुरा दौर चल रहा है. बांग्ला देश में हिन्दुओं पर हो रहे हमलों ने सबको झकझौर कर रख दिया है. शासन में कट्टरपंथियों का दबदबा है. वे भारत से नफरत की आग में जल रहे हैं. लेकिन अब भारत भी आर-पार के मूड़ में दिख रहा है. बांग्लादेश के कंट्टरपंथी रुक पर वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता दीदी भी एक्शन मोड़ में आ गई है. ममता के इस बयान की चहुंओर तारीफ भी हो रही है. ममता ने साफ कर दिया है कि राजनीति में चाहे वह बीजेपी की धुर विरोधी हो. लेकिन बात जब देश पर आती है तो सब साथ होते हैं..
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क्या बोली सीएम ममता बनर्जी
दरअसल, ममता बनर्जी सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में भाषण दे रही थीं. इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले की निंदा की और सभी समुदायों से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह के उकसावे की कार्रवाई नहीं करने की अपील. यही नहीं उन्होने साफ कर दिया कि वह पूरी तरह से देश विरोधी लोगों के खिलाफ है. बांग्लादेश की बीएमपी पार्टी के उस बयान पर कटाक्ष किया, जिसमें उन्होंने बिहार और पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश का हिस्सा बनाने की बात कही थी. उन्होने कहा कि "यदि कोई हमारी जमीन हथियाने की कोशिश करेगा तो भारतीय बैठे रहेंगे और लॉलीपॉप खा रहे होंगे? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शांत रहिए, स्वस्थ रहिए और दिमाग में शांति बनाए रखिए,,
खूब हो रही दीदी के बयान की चर्चा
दीदी का यह बयान खूब सुर्खियां बटोर रहा है. उन्होंने विदेशी ताकतों को चेतावनी देते हुए कहा कि हमें अपने यहां शांति और सौहार्द बनाए रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि विदेशी ताकतें हमारे सामाजिक तानेबाने को तोड़ना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि भारत की एकता यहां की सक्रिय और संवेदनशील जनता बनाए रखेगी. इसलिए किसी गलतफहमी में बांग्लादेश को रहने की जरूरत नहीं है. क्योंकि देश के लिए हर पार्टी और दल का नेता एक साथ ही है.