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Kerala Local Body Election: केरल की राजनीति में एक बड़ा और अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिला है. स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम में जीत दर्ज कर वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) से सत्ता छीन ली है. यह वही नगर निगम है, जिस पर LDF 40 वर्षों से भी ज्यादा तक लगातार जीत हासिल करता रहा. लेकिन बीजेपी आखिरकार इस किले में सेंध लगा डाली. राजधानी में सत्ता परिवर्तन को वाम मोर्चे के लिए एक बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है. बीजेपी की इस जीत पर पीएम मोदी ने भी बधाई दी है.
Thank you Thiruvananthapuram!
— Narendra Modi (@narendramodi) December 13, 2025
The mandate the BJP-NDA got in the Thiruvananthapuram Corporation is a watershed moment in Kerala’s politics.
The people are certain that the development aspirations of the state can only be addressed by our Party.
Our Party will work towards…
प्रधानमंत्री मोदी का बधाई संदेश
जाहिर है एलडीएफ के किले में बीजेपी के सेंध लगाने पर पीएम मोदी भी काफी खुश हैं. एक दो नहीं बल्कि 40 साल बाद बीजेपी यहां परचम लहराने में कामयाब रही. तिरुवनंतपुरम नगर निगम में बीजेपी की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा- Thank you Thiruvananthapuram! पीएम मोदी ने इसे केरल की राजनीति में एक 'वॉटरशेड मोमेंट' बताया और कहा कि यह जनादेश दर्शाता है कि राज्य की विकासात्मक आकांक्षाओं को पूरा करने की क्षमता बीजेपी में है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि पार्टी तिरुवनंतपुरम जैसे जीवंत शहर के विकास और नागरिकों की 'Ease of Living' को बेहतर बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी.
राजधानी में बदले राजनीतिक समीकरण
अब बात करते हैं तिरुवनंतपुरम के सियासी मिजाज की. बीजेपी की इस जीन ने न केवल केरल की प्रशासनिक राजधानी है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र में हलचल बढ़ा दी है. इसी क्षेत्र से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर लगातार चार बार लोकसभा सांसद चुने जा चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस के सांसद की पकड़ होने के बाद भी बीजेपी की एंट्री ने यहां बड़ा कमाल किया है.
लंबे समय तक यह इलाका कांग्रेस और वाम दलों का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है. ऐसे में नगर निगम में बीजेपी की जीत ने राज्य की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दे दिया है.
शहरी मतदाताओं के बदले मिजाज का संकेत
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह जीत विधानसभा चुनावों में कुछ सीटें जीतने से भी कहीं अधिक असरदार है. नगर निगम जैसे बड़े शहरी निकाय में सत्ता हासिल करना यह दर्शाता है कि शहरी मतदाता अब पारंपरिक राजनीतिक ध्रुवीकरण से आगे बढ़कर नए विकल्पों की तलाश कर रहा है. केरल जैसे राज्य में, जहां अब तक मुख्य मुकाबला LDF और UDF के बीच ही सीमित रहा है, यह बदलाव बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
LDF के खिलाफ उभरी नाराजगी
स्थानीय चुनावी रुझानों से साफ है कि शहरी इलाकों में LDF के खिलाफ असंतोष बढ़ा है. प्रशासनिक कार्यप्रणाली, शहरी बुनियादी ढांचे, पारदर्शिता और स्थानीय समस्याओं को लेकर मतदाताओं की नाराजगी नगर निगम चुनावों में खुलकर सामने आई. तिरुवनंतपुरम जैसे मजबूत गढ़ में हार ने वाम मोर्चे की रणनीति और जमीनी पकड़ पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
#WATCH | Delhi | On Kerala Local Body Elections result, BJP MP Sudhanshu Trivedi says, "I can say that the results are epoch-making and a far-reaching national indication for the national politics... The people have become wise enough to understand that they are not going to be… pic.twitter.com/hFOOgrTzo8
— ANI (@ANI) December 13, 2025
बीजेपी में उत्साह, LDF में आत्ममंथन
बीजेपी ने इस जीत को ऐतिहासिक और निर्णायक जनादेश बताया है. पार्टी नेताओं का कहना है कि यह परिणाम केरल में बीजेपी के मजबूत होते संगठन और जनता के बदलते मूड का प्रमाण है. कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है और इसे राज्य में पार्टी के भविष्य की राजनीति के लिए मजबूत आधार माना जा रहा है. वहीं, LDF नेतृत्व ने नतीजों को गंभीरता से लेते हुए आत्ममंथन की बात कही है. वाम नेताओं के अनुसार, वार्ड स्तर पर परिणामों का विश्लेषण कर आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे.
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