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नीलांबुर में आदिवासी बच्चों और परिवारों की सहायता करे राज्‍य सरकार : केरल हाईकोर्ट

नीलांबुर में आदिवासी बच्चों और परिवारों की सहायता करे राज्‍य सरकार : केरल हाईकोर्ट

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IANS
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Kerala High

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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नीलांबुर तालुक के तीन गांवों में आदिवासी बच्चों की शिक्षा और परिवारों के लिए चिकित्सा सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के लिए केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है।

नीलांबुर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष आर्यदान शौकेथ ने आदिवासी समुदायों के मानवाधिकारों के उल्लंघन और उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में पुल के पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार को यह सुनिश्चित करना चहिए कि बच्चों को शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं मिल सके। जिसमें शौचालय सुविधाएं भी शामिल है।

कोर्ट ने कहा कि चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में महिलाओं को नदी पार करनी पड़ती है। ऐसेे में गर्भवती महिलाओं का अस्पताल में भर्ती होना मुश्‍किल हो जाता है।

दिवंगत कांग्रेस नेता आर्यदान मोहम्मद के बेटे शौकेथ ने बताया कि चलियार और पुन्नपुझा नदियों के किनारे रहने वाले लगभग 300 आदिवासी परिवार 2018 और 2019 में विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित हुए थे।

उन्‍होंने कहा कि बाढ़ के बाद उनके घर रहने लायक नहीं रह गए हैं और मुख्य भूमि तक उनकी पहुंच खत्म हो गई है। ऐसे में टूटे हुए पुल के कारण अस्पताल, राशन की दुकान, स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाएं पानी मुश्किल हो गई हैं।

राज्य की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि सरकार ने आवास के लिए वैकल्पिक घरों का सुझाव दिया था, लेकिन आदिवासी परिवार अपने इलाकों से जाने के लिए तैयार नहीं थे।

कोर्ट ने कहा कि इसका मुख्य पहलू आदिवासी परिवारों के लिए बुनियादी सुविधाएं और उनके बच्चों को शिक्षा उपलब्‍ध कराना है।

कोर्ट ने राज्य के वकील से यहपूूूछा है कि क्या विशिष्ट समय के दौरान आदिवासियों के उपयोग के लिए नाव उपलब्ध करायी जा सकती है।

कोर्ट ने कहा कि हम अन्य अनुरोधों पर विचार करेंगे। फिलहाल हम बच्चों की शिक्षा, चिकित्सा सुविधाओं को लेकर चिंतित हैं।

अदालत ने मामले को गुरुवार के लिए पोस्ट कर दिया है और राज्य से जवाब देने को कहा है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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