Karnataka Political Crisis: कर्नाटक कांग्रेस में जारी घमासान, सीएम को किस बात का सता रहा डर, उठाया ये कदम

Karnataka Political Crisis: कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व की खींचतान अब खुलकर सामने आ चुकी है. दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक सोमवार को राजनीतिक हलचल तेज हो गई. ये हलचलें बताती हैं कि पार्टी में अंदर ही अंदर चीजें ठीक नहीं चल रही हैं.

Karnataka Political Crisis: कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व की खींचतान अब खुलकर सामने आ चुकी है. दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक सोमवार को राजनीतिक हलचल तेज हो गई. ये हलचलें बताती हैं कि पार्टी में अंदर ही अंदर चीजें ठीक नहीं चल रही हैं.

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Dheeraj Sharma
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Karnataka Political Crisis

Karnataka Political Crisis: कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व की खींचतान अब खुलकर सामने आ चुकी है. दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक सोमवार को राजनीतिक हलचल तेज हो गई. ये हलचलें बताती हैं कि पार्टी में अंदर ही अंदर चीजें ठीक नहीं चल रही हैं. कांग्रेस में जारी तनाव ने सरकार और संगठन दोनों की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यानी प्रदेश में सियासी संकट जैसी स्थिति बन रही है. शायद यही वजह है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को भी कुर्सी का डर सता रहा है. ऐसे में उन्होंने बड़ा कदम भी उठाया है. 

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क्या है डीके शिवकुमार खेमे की नई रणनीति 

डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार लगातार अपने तेवर दिखा रहे हैं. अब उन्होंने अपनी नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. डीके के समर्थन में खड़े छह से आठ विधायक एक बार फिर देर रात दिल्ली पहुंचे. यह पिछले एक हफ्ते में तीसरी यात्रा है, जो साफ संकेत देती है कि शिवकुमार गुट अपनी नाराजगी हाईकमान के सामने मजबूती से दर्ज कराना चाहता है.

दिल्ली पहुंचे विधायक नेतृत्व से मुलाकात के लिए अपॉइंटमेंट का इंतजार कर रहे हैं. उनकी मांग है कि पार्टी नेतृत्व राज्य में जारी असंतोष, अधिकार क्षेत्र और भविष्य के नेतृत्व मॉडल पर ठोस स्पष्टता दे. यह कदम हाईकमान पर दबाव बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.

मल्लिकार्जुन खड़गे का रुकना बड़ा संकेत

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का मंगलवार को दिल्ली लौटने का कार्यक्रम था, लेकिन उन्होंने अचानक इसे टाल दिया और बेंगलुरु में ही रुकने का फैसला किया. सूत्र बताते हैं कि कई मंत्री और वरिष्ठ नेता उनसे निजी तौर पर मुलाकात कर रहे हैं. इससे साफ है कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व पहले राज्य स्तर पर ही स्थिति संभालने की कोशिश कर रहा है, ताकि विवाद दिल्ली तक न फैले.

एक्शन मोड में सीएम सिद्धारमैया, अपने गुट को दे रही मजबूती 

उधर नेतृत्व विवाद के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को भी ये डर सता रहा है कि कहीं कुर्सी हाथ से न चली जाए. लिहाजा वे भी एक्शन मोड में आ गए हैं. इसी कड़ी में सिद्धारमैयार ने सोमवार सुबह कावेरी आवास पर एक हाई-लेवल मीटिंग बुलाई. इस बैठक में मंत्री डॉ. जी परमेश्वर, एचसी महादेवप्पा, जमीर अहमद खान और कानूनी सलाहकार एएस पोन्ना शामिल थे. यह मीटिंग लगभग 30 मिनट चली और इसे शिवकुमार समर्थकों की लगातार बढ़ती गतिविधियों के जवाब में सीएम की रणनीतिक चाल माना जा रहा है. 

बैठक के बाद सिद्धारमैया चिकबल्लापुर रवाना हुए, जहां उनके साथ महादेवप्पा और जमीर अहमद मौजूद थे. वहीं परमेश्वर जिन्होंने हाल ही में कहा था कि 'मैं हमेशा से सीएम रेस में रहा हूं' बाद में अलग वाहन से निकले.

क्या खड़गे बनेंगे संकटमोचक

बेंगलुरु की बैक-टू-बैक मीटिंग्स और दिल्ली में शिवकुमार खेमे की सक्रियता ने साफ कर दिया है कि कर्नाटक कांग्रेस के भीतर सीएम पद को लेकर संघर्ष चरम पर है. एक तरफ सिद्धारमैया अपने समर्थक मंत्रियों के साथ अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ शिवकुमार का गुट दिल्ली में लगातार दबाव बनाकर भविष्य की भूमिकाओं पर स्पष्टता चाहता है.

क्या होगा अगला कदम?

अब निगाहें पूरी तरह कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे पर टिकी हैं. उनका फैसला ही तय करेगा कि पार्टी इस विवाद को जल्दी शांत कर पाती है या फिर यह खींचतान और लंबा रूप लेगी. कर्नाटक कांग्रेस की यह आंतरिक जंग राज्य की राजनीति के लिए बड़ा मोड़ साबित हो सकती है. 

DK Shivakumar Karnataka Sidhharamaiah
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