कर्नाटक के कलबुर्गी के सेंट मेरीज स्कूल में राष्ट्रीय स्नातक पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के दौरान एक विवादित घटना सामने आई है. यहां पर एक परीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने एक छात्र को कथित तौर पर जनेऊ उतारने को कहा. अधिकारियों के अनुसार, छात्र श्रीपद पाटिल को परीक्षा केंद्र में जनेऊ पहनकर प्रवेश नहीं दिया गया. उसे जनेऊ उतारने के बाद ही इजाजत दी गई. इसके बाद ब्राह्मण समुदाय के लोग परीक्षा केंद्र के सामने एकत्र हो गए. वे यहां विरोध-प्रदर्शन करने लगे. इसके साथ अधिकारियों के इस कदम की निंदा करते हुए जिम्मेदारी तय करने की डिमांड रखी.
बेटा परीक्षा देने के लिए यहां पहुंचा था
प्रदर्शनकारी सुधीर पाटिल के अनुसार, उनका बेटा परीक्षा देने के लिए यहां पर आया था. इन लोगों ने कहा कि वह जनेऊ के साथ अंदर प्रवेश नहीं कर सकता है. उन्होंने इस दौरान बात करने का प्रयास किया है. लेकिन उन्होंने अंदर आने की इजाजत नहीं दी. उनके बेटे ने जनेऊ हाथ में दे दिया. तब परीक्षा देने के लिए गया. यह पूरी तरह से गलत है. जनेऊ हमारे धार्मिक संस्कारों का भाग है.
इस घटना को लेकर विरोध-प्रदर्शन हुआ है. इसके बाद कई संगठनों और लोगों ने इस पर आपत्ति जताई है. कई लोगों ने इस धार्मिक आजादी पर रोक लगाई और अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा है. आपको बता दें कि रविवार को देशभर में राष्ट्रीय स्नातक पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) 2025 का आयोजन किया गया था. इससे 22.7 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए. इस परीक्षा में देशभर के 500 से अधिक शहरों में 5,453 केंद्रों पर आयोजित हुई. यहां पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे.
परीक्षा दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक हुई
एनटीए ने गर्मी को ध्यान में रखते हुए परीक्षा दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक कराई. एनटीए अफसरों को तय करने का निर्देश दिया कि सभी परीक्षा केंद्र पीने के पानी, बिजली, पोर्टेबल शौचालय और प्राथमिक चिकित्सा और एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं समेत मूलभूत सुविधाएं दी जाए.