Karnataka Congress Crisis: सिद्धारमैया-शिवकुमार ब्रेकफास्ट मीटिंग के बाद क्या बनेगा सत्ता का समीकरण?

Karnataka Congress crisis: 30 नवंबर को कांग्रेस आलाकमान की स्ट्रैटेजी मीटिंग है। जिसमें राहुल-सोनिया की मौजूदगी में कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता कर्नाटक की राजनीति पर कोई अंतिम फैसला ले सकते हैं।

Karnataka Congress crisis: 30 नवंबर को कांग्रेस आलाकमान की स्ट्रैटेजी मीटिंग है। जिसमें राहुल-सोनिया की मौजूदगी में कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता कर्नाटक की राजनीति पर कोई अंतिम फैसला ले सकते हैं।

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Amit Kasana
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Congress high command Karnataka decision: कर्नाटक की राजनीति में कांग्रेस का आंतरिक द्वंद्व चरम पर है। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच कथित 2.5 साल के सत्ता-साझा समझौते को लेकर उपजी खींचतान ने पार्टी को विभाजन के मुहाने तक पहुंचा दिया है। ऐसा लग रहा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में 135 सीटों की शानदार जीत के बाद सत्ता संभालने वाली कांग्रेस अब अपनी एकजुटता की परीक्षा दे रही है। 

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दरअसल, यह संकट मई 2023 से सुलग रहा है जब सिद्धारमैया को सीएम चुना गया लेकिन पर्दे के पीछे शिवकुमार को आधी अवधि बाद सत्ता सौंपने का अनौपचारिक वादा किया गया था। लेकिन नवंबर 2025 में अब पार्टी आलाकमान का शिवकुमार से किया ये वादा टूटने की कगार पर है। 29 नवंबर की सुबह सिद्धारमैया-शिवकुमार के बीच ब्रेकफास्ट पर लंबी मीटिंग चली। जिसके बाद सत्ता के नए समीकरण बनते दिखाई पड़ रहे हैं!

वादा न निभाने से कांग्रेस का दक्षिण कर्नाटक में आधार होगा कमजोर  

कर्नाटक की राजनीति में सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों कद्दावर नेता हैं। दरअसल, 82 वर्षीय सिद्धारमैया अहिंदवा (अल्पसंख्यक, पिछड़े और दलित) समुदायों में अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं। वहीं, 62 वर्षीय शिवकुमार वोकालिगा समुदाय के बड़े चेहरे हैं। 2023 विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के 'चाणक्य' बनकर उभरे थे। उन्होंने जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनके समर्थक मानते हैं कि वादा न निभाने से पार्टी का दक्षिण कर्नाटक में आधार कमजोर होगा। 

कर्नाटक की यह लड़ाई अब जातिगत रंग ले चुकी है

कर्नाटक की यह लड़ाई अब जातिगत रंग ले चुकी है। कांग्रेस के समर्थक यहां अहिंदवा बनाम वोकालिगा दो धड़ों में बंट चुके हैं। इस पूरे घटनाक्रम से राज्य में सामाजिक तनाव बढ़ा है। टाइमलाइन पर गौर करें तो 20 नवंबर को 2.5 साल की कथित समयसीमा समाप्त होते ही शिवकुमार कैंप के 10-15 विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाल लिया। 

कर्नाटक कांग्रेस संकट में कब क्या हुआ? (Karnataka Congress crisis) 

  • 24 नवंबर को शिवकुमार के भाई डीके सुरेश दिल्ली रवाना हुए।
  •  26 नवंबर को वोकालिगा संतों ने शिवकुमार को आशीर्वाद दिया।
  • 27 नवंबर को मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- 'दवा देकर ठीक करेंगे' लेकिन वीरप्पा मोइली ने हाईकमान पर जिम्मेदारी डाली।
  • 28 नवंबर को हाईकमान के निर्देश पर सिद्धारमैया ने ब्रेकफास्ट मीटिंग का ऐलान किया। 29 नवंबर को सिद्धारमैया के निवास पर इडली-सांबर के साथ हुई इस मीटिंग में दोनों नेताओं ने एकजुटता का संदेश दिया। 

सिद्धारमैया-शिवकुमार ब्रेकफास्ट मीटिंग के बाद क्या बोले? 

संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिद्धारमैया ने कहा कि हम दोनों में कोई मतभेद न कभी था और न ही है। वहीं, शिवकुमार ने कहा कि मैं जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेतना चाहता हूं। मैं हाईकमान का हर फैसला मानूंगा। कर्नाटक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सूत्रों के अनुसार फिलहाल दोनों दिग्गज नेताओं में तनाव बरकरार है। इस पूरे घटनाक्रम से राज्य में कांग्रेस की लोकप्रियता करीब 39% से गिरी है। अब यह बताया जा रहा है कि 30 नवंबर को कांग्रेस आलाकमान की स्ट्रैटेजी मीटिंग है। जिसमें राहुल-सोनिया की मौजूदगी में कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर कोई अंतिम फैसला ले सकते हैं। 

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