North-East: देश के उत्तर-पूर्व के राज्य विकास के मामले में काफी पीछे थे, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से उत्तर-पूर्व के राज्य के विकास को खास प्राथमिकता दी गई. इसका परिणाम है कि उत्तर-पूर्व के राज्यों में हाल के सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अन्य बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है. इन राज्यों में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ाने को लेकर भी प्रयास किए जा रहे हैं. इस कड़ी में 23-24 मई को दो दिवसीय राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होने जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे. इस समिट में उत्तर-पूर्व राज्य में उसकी क्षमता के हिसाब से निवेश को बढ़ावा देना है.
बुधवार को कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कई उत्तर-पूर्व के राज्य 12 फीसदी दर के हिसाब से आर्थिक विकास में जुटे हैं. पूर्व में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. लेकिन अब वे देश के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा
उन्होंने कहा, उत्तर-पूर्व के राज्य सांस्कृतिक और प्राकृतिक तौर पर काफी संपन्न हैं. लेकिन विकास के मामले में अभी भी पीछे हैं. सामरिक तौर पर इस क्षेत्र का देश के लिए काफी योगदान रहा है. केंद्र सरकार ऐसे क्षेत्रों पर जोर दे रही है, जिनकी क्षमता की सही तरह से पहचान नहीं की गई. इस क्षेत्र में ग्रीन एनर्जी से लेकर कृषि और अन्य क्षेत्रों में विकास की संभावना काफी अधिक है. इस क्षेत्र में विकास को लेकर निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए रोड शो का आयोजन किया गया है.
सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया
उन्होंने बताया, सभी राज्यों में निवेश के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है. कई कंपनियों ने उत्तर-पूर्व में निवेश किया है. इस समय उत्तर-पूर्व के राज्य विकास के लिए नए मानक तय करने में लगे हैं. विकसित भारत के लक्ष्य को पाने के लिए इन राज्यों का विकसित होना जरूरी है.
आपको बता दें कि सिंधिया ने इस माह की शुरुआत में मुंबई में रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी, टाटा समूह के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन और आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला सहित प्रमुख उद्योगपतियों से भी मुलाकात की. सिंधिया ने बताया कि पहली बार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में क्षेत्रीय रणनीति को आगे बढ़ाने को लेकर पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की अध्यक्षता में 8 उच्च स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया था.
1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश का प्रस्ताव
सिंधिया ने ऐलान किया कि सामूहिक प्रयासों से 1.12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के 732 से अधिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो इस क्षेत्र की क्षमता में विश्वास का एक उल्लेखनीय प्रदर्शन है. क्षेत्र में निवेश को और बढ़ावा देने के लिए सिंधिया ने साझा किया कि 6 पूर्वोत्तर राज्यों में अब निवेश संवर्धन एजेंसियां (आईपीए) चालू हैं और दो और आने वाली हैं.