जस्टिस मनमोहन को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया, राष्ट्रपति ने नियुक्ति पर लगाई मोहर

जस्टिस मनमोहन की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को लेकर पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को सिफारिश की थी. कॉलेजियम ने जस्टिस मनमोहन के न्यायिक अनुभव और उनके कामकाजी रिकॉर्ड को देखते हुए इस नियुक्ति के लिए केंद्र को अपनी सिफारिश भेजी थी.

जस्टिस मनमोहन की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को लेकर पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को सिफारिश की थी. कॉलेजियम ने जस्टिस मनमोहन के न्यायिक अनुभव और उनके कामकाजी रिकॉर्ड को देखते हुए इस नियुक्ति के लिए केंद्र को अपनी सिफारिश भेजी थी.

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Mohit Sharma
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जस्टिस मनमोहन को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया, राष्ट्रपति ने नियुक्ति पर लगाई मोहर

( रिपोर्टर - सुशील पांडेय )

भारत के राष्ट्रपति ने दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJ) जस्टिस मनमोहन की सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में नियुक्ति पर मुहर लगा दी है. इस महत्वपूर्ण नियुक्ति से न्यायपालिका के उच्चतम स्तर पर एक नया बदलाव आया है, जिससे भारत के न्यायिक तंत्र में और भी मजबूती आएगी. राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद, जस्टिस मनमोहन का सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में कार्यभार ग्रहण करने का मार्ग साफ हो गया है. जस्टिस मनमोहन की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को लेकर पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को सिफारिश की थी. कॉलेजियम ने जस्टिस मनमोहन के न्यायिक अनुभव और उनके कामकाजी रिकॉर्ड को देखते हुए इस नियुक्ति के लिए केंद्र को अपनी सिफारिश भेजी थी. कॉलेजियम की सिफारिशों के बाद, राष्ट्रपति ने जस्टिस मनमोहन की नियुक्ति की औपचारिक स्वीकृति प्रदान की.

सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई

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जस्टिस मनमोहन का करियर और न्यायिक यात्रा बहुत ही प्रेरणादायक रही है. दिल्ली हाईकोर्ट में बतौर मुख्य न्यायाधीश (CJ) उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में निर्णय दिए हैं. उनके कार्यकाल के दौरान, दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यायिक प्रणाली में सुधार की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए. इसके अलावा, उनके फैसले न्यायपालिका के प्रतिष्ठान को और अधिक मजबूत करने में सहायक रहे हैं. जस्टिस मनमोहन का अनुभव और उनके न्यायिक फैसले उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में एक आदर्श और प्रभावशाली न्यायधीश के रूप में स्थापित करते हैं. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के साथ ही, जस्टिस मनमोहन को सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है. सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में उनकी नियुक्ति भारतीय न्यायपालिका में एक नए युग की शुरुआत को दर्शाती है. इससे न केवल न्यायपालिका की कार्यप्रणाली में और सुधार होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि न्याय का मंदिर अपने उच्चतम मानकों पर कार्य करता रहे.

भारतीय न्यायपालिका के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम

यह नियुक्ति भारतीय न्यायपालिका के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे सर्वोच्च न्यायालय में उन न्यायाधीशों का समावेश होगा जिनका व्यापक अनुभव और समझ है. जस्टिस मनमोहन की नियुक्ति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि न्यायपालिका के सर्वोत्तम और अनुभवी लोगों को न्यायिक तंत्र में सर्वोच्च पदों पर बैठाना बेहद आवश्यक है. जस्टिस मनमोहन की नियुक्ति को लेकर कानूनी समुदाय में भी उत्साह है. उनके कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले दिए गए हैं, जिनसे समाज और देश के लिए सकारात्मक बदलाव आए हैं. उनका सुप्रीम कोर्ट में शामिल होना न्यायिक सुधारों की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है. अंततः, यह नियुक्ति न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, और जस्टिस मनमोहन के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट और अधिक प्रगति की ओर बढ़ेगा.

Supreme Court Justice Manmohan
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