झारखंड विधानसभा में लगातार दूसरे दिन पक्ष-विपक्ष के विधायक इस तरह आमने-सामने आ गए कि संसदीय मर्यादा और परंपरा पर सवाल खडे़ हो गए।
एक-दूसरे को उंगली दिखाने और बांह चढ़ाने के साथ विधायकों के बीच भिड़ंत-मारपीट जैसी नौबत आई। स्पीकर ने मार्शल अलर्ट और कार्यवाही स्थगित कर स्थिति संभाली।
बुधवार को जहां कोयले के अवैध खनन के मुद्दे पर भाजपा के विधायक ढुल्लू महतो और झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू एक-दूसरे को देख लेने की धमकी देते हुए आपस में भिड़ने को तैयार थे।
वहीं, गुरुवार को कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी के एक बयान पर हंगामे के दौरान अशोभनीय स्थिति पैदा हो गई।
भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता इस मुद्दे पर विरोध जताने के दौरान उंगली दिखाते हुए इरफान अंसारी की ओर बढ़े तो इरफान अंसारी भी उनसे भिड़ने को आगे बढ़ने लगे।
कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने बीते दिन सदन में आदिवासियों और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि आदिवासी इतने तेज कैसे हो सकते हैं?
गुरुवार को विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा में इरफान अंसारी और पार्टी की ओर से कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने माफी मांगी। इसके बाद भी सदन में हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने दोपहर दो बजे तक सदन को स्थगित कर दिया।
इस बीच इरफान अंसारी ने कहा कि वे आदिवासी समाज के हितैषी हैं। उस दिन जो कुछ भी हुआ, उसे भाजपा के लोगों ने आगे बढ़ाया। भाजपा के लोग तो ऐसे हैं, जिन्होंने आदिवासी के मुंह पर पेशाब किया था। अगर उनकी बात से किसी को दुख हुआ है तो वे खेद जताते हैं।
इरफान के बयान के बाद भी हंगामा नहीं थमा तो सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। भाजपा के विधायक शशिभूषण प्रसाद मेहता ने मीडिया से बात करते हुए यहां तक कह दिया कि इरफान अंसारी अगर माफी नहीं मांगते हैं तो उनकी जीभ खींच ली जाएगी।
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Source : IANS