जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, अब कौन बनेगा देश का अगला उपराष्ट्रपति? ये है चुनावी प्रक्रिया

जगदीप धनखड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस्तीफा पत्र पोस्ट करते हुए कहा, आदरणीय राष्ट्रपति जी, स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं.

जगदीप धनखड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस्तीफा पत्र पोस्ट करते हुए कहा, आदरणीय राष्ट्रपति जी, स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं.

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Mohit Sharma
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Jagdeep Dhankhar Resignation

Jagdeep Dhankhar Resignation Photograph: (Social Media)

Jagdeep Dhankhar Resignation: जगदीप धनखड़ ने सोमवार को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बताई गई हैं. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेज दिया है. जगदीप धनखड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस्तीफा पत्र पोस्ट करते हुए कहा, आदरणीय राष्ट्रपति जी, स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं. मैं भारत की राष्ट्रपति के प्रति उनके अटूट समर्थन और मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच बने सुखद एवं अद्भुत कार्य संबंधों के लिए अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं.

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क्या बोले जगदीप धनखड़

उन्होंने आगे कहा कि मैं प्रधानमंत्री और सम्मानित मंत्रिपरिषद के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं. प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है, और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान बहुत कुछ सीखा है. संसद के सभी सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला है, वह हमेशा मेरी स्मृति में रहेगा. मैं हमारे महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में प्राप्त अमूल्य अनुभवों और अंतर्दृष्टि के लिए तहे दिल से आभारी हूं. जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति एवं अभूतपूर्व विकास को देखना और उसमें भाग लेना मेरे लिए सौभाग्य एवं संतुष्टि की बात रही है. हमारे राष्ट्र के इतिहास के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना मेरे लिए एक सच्चा सम्मान रहा है. इस प्रतिष्ठित पद से विदा लेते हुए मैं भारत के वैश्विक उत्थान और अभूतपूर्व उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर रहा हूं और इसके उज्ज्वल भविष्य में अटूट विश्वास रखता हूं. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि जगदीप धनखड़ के बाद देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन है और इसके लिए क्या चुनावी प्रक्रिया अपनाई जाएगी. 

क्या है चुनाव प्रक्रिया

उपराष्ट्रपति के चुनाव में संसद को दोनों सदनों( लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्य हिस्सा लेते हैं. खास बात यह है कि इस चुनाव में मनोनीत सदस्य भी भाग लेते हैं. जबकि राष्ट्रपति के चुनाव में ऐसा नहीं होता और उसमें केवल लोकसभा सांसद और राज्य की विधानसभाओं के विधायक मतदान करते हैं. 

उपराष्ट्रपति बनने की योग्यताएं-

  • उम्मीदवार भारत का नागरिक हो
  • उसकी उम्र 35 साल से ज्यादा हो
  • वह राज्यसभा का सदस्य चुने जाने की सारी योग्यताएं रखता हो
  • उम्मीदवार को जमानत राशि के रूप में 15 हजार रुपए जमा करते होते हैं
  • चुनाव हारने पर या 1/6 वोट नहीं मिलने पर जमानत राशि जब्त हो जाती है

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कैसे होता है मतदान

  • -उपराष्ट्रपति का चुनाव प्रपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन सिस्टम यानी आनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति के आधार पर होता है.
  • - मतदान के दौरान मतदाता को केवल एक वोट देना होता है, लेकिन उनको अपनी प्राथमिकता के आधार पर बैलेट पेपर पर पहली पसंद को1, दूसरी को 2 और तीसरी को 3. इसी तरह प्राथमिकता तय करनी होती है. 
  • - उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों को सदस्य हिस्सा लेते हैं. 

कैसे होती है मतगणना

  • - दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक कोटा निर्धारित होता है. मतदान में जितने सदस्य हिस्सा लेते हैं, उनकी संख्या को दो से भाग कर देते हैं और फिर उसमें एक जोड़ दिया जाता है. 
  • -मतदान के बाद पहले चरण की मतगणना शुरू होती है. सबसे पहले इस बात पर गौर किया जाता है कि उपराष्ट्रपति के लिए पहली प्राथमिकता वाले कितने वोट मिले हैं.
  • - अगर पहले चरण में किसी उम्मीदवार को आवश्यक कोटे के समान या उससे ऊपर वोट मिलते हैं तो उसी को विजेता घोषित कर दिया जाता है. 
  • - अगर पहले चरण में विजेता का चुनाव नहीं होता तो इस बार सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को मतगणना से बाहर कर दिया जाता है. लेकिन उसको पहले प्राथमिकता देने वाले मतों में देखा जाता है कि दूसरी प्राथमिकता में कौन उम्मीदवार है. तब उसकी प्राथमिकता वाले मत दूसरे उम्मीदवार में स्थानांतरित कर दिए जाते हैं. 
  • - इस प्रक्रिया में अगर किसी उम्मीदवार को आवश्यक कोटे या उससे अधिक वोट मिल जाते हैं तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है. लेकिन अगर दूसरे चरण में अगर उपराष्ट्रपति का चयन नहीं हो पाता तो फिर से वही प्रक्रिया शुरू की जाती है और तब तक चलती जब तक विजेता का चुनाव न हो जाए. 
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