जगन्नाथ यात्रा ओडिशा ओडिशा के साथ-साथ भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. इसे गुंडिचा यात्रा भी कहा जाता है. ये हर साल मनाया जाता है. एक दिन बाद यानी 27 जून 2025 को भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी. रथयात्रा का पूरा कार्यक्रम नौ दिनों का होता है, जो रथयात्रा से ही शुरू होगा. पांच जुलाई 2025 को नीलाद्रि बिजय के साथ ये खत्म होगा.
जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व
रथ यात्रा वर्षों पुरानी परंपरा है. 12वीं शताब्दी के बीच ये शुरू हुई थी. यात्रा को लोकप्रिता ओडिशा के गजपति राजवंश के दौरान मिली. नौ दिनों की यात्रा में भगवान जगन्नाथ, अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं. ओडिशा में रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से लेकर गुंडिचा मंदिर तक होती, दोनों के बीच तीन किलोमीटर की दूरी है.
ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए ऐप लॉन्च
यात्रा को लेकर ट्रैफिक एडवाइजरी जारी कर दी गई है. 21 पार्किंग बनाई गई है. पांच होल्डिंग एरिया भी बनाया गया है. ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए ऐप बनाया गया है. इसकी मदद से रास्तों, दिशाओं के बारे में जानकारी होगी. भीड़ इससे कम होगी और गाड़ियों तो आने-जाने में भी मदद मिलेगी.
एआई कैमरे लगाए गए
रथ यात्रा के दौरान 10 हजार पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं. ओडिसा पुलिस ने बताया कि करीब 15 लाख श्रद्धालु यात्रा में शामिल होंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले कैमरे और ड्रोन से निगरानी की जा रही है. उत्तरा चक्का और पुरी शहर और पुरी-कोर्णाक के बीच 275 एआई सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. कैमरों की तस्वीरों की लाइव मॉनिंटरिंग की जाएगी. सुरक्षा टीमों को इससे इमरजेंसी में काम करने में मदद होगी. शहर में खास जगहों पर सब कंट्रोल रूम्स बनाए गए हैं.
एनएसजी कमांडोज-सीएपीएफ तैनात
सरकार यात्रा के दौरान, किसी भी प्रकार की लापरवाही करने के मूड में नहीं है. एनएसजी के स्नाइपर्स को छतों पर तैनात किया गया है. एंटी-ड्रोन सिस्टम भी तैनात किए गए हैं. ओडिशा पुलिस के साथ-साथ सीएपीएफ की आठ कंपनियां भी तैनात की गई हैं.