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जगन्नाथ रथ यात्रा में बड़ा हादसा हो गया है. रविवार तड़के चार बजे ओडिशा के पुरी स्थित गुंडिचा मंदिर के सामने भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ के पार भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे वहां भगदड़ मच गई. हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई और छह लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है.
मृतकों की हुई पहचान
हादसे में जिन लोगों की मौत हुई है. इनकी पहचान हो गई है. मृतकों के नाम- बसंती साहू (36), प्रेमकांति महांति (78) और प्रभाती दास है. सभी शवों को पुरी मेडिकल कॉलेज में रखा गया है.
#WATCH | Odisha: A stampede has been reported during the Rath Yatra in Puri. Further details are awaited.
— ANI (@ANI) June 29, 2025
(Visuals from outside the post-mortem centre in Puri) pic.twitter.com/4mOTnE6QTe
हादसे की जगह सुरक्षाबल तैनात नहीं थे
एक शख्स ने बताया कि रथों के दर्शन के लिए भारी भीड़ मौके पर जुटी हुई थी. इसी दौरान, भगदड़ मच गई और कुछ लोग गिर गए. भीड़ अधिक थी, इसलिए वे लोग कुचल गए. लोगों की मानें तो जहां हादसा हुआ, वहां सुरक्षाबल तैनात नहीं था.
#WATCH | Puri, Odisha: Swadhin Kumar Panda, a resident of Puri, says, "I was there near the temple till 2-3 am last night, but the management was not good. A new way was made for VIPs, and common people were asked to exit from a distance. People started exiting from the entrance… https://t.co/jFE36gLDfupic.twitter.com/6Ln6348Eoy
— ANI (@ANI) June 29, 2025
परसो 625 से अधिक लोगों की बिगड़ गई थी तबीयत
इससे पहले शुक्रवार को कई लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी. शुक्रवार को देवी सुभद्रा के रथ के आसपास भीड़ का दबाव बढ़ गया था, जिस वजह से 625 से अधिक श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई. प्रशासन ने उन्हें अलग-अलग 70 अस्पतालों में भर्ती करवाया है. नौ लोगों की हालत गंभीर है.
शुक्रवार को शुरू हुई थी रथयात्रा
पुरी में शुक्रवार को शाम चार बजे भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू हुई थी. सबसे पहले भगवान बलभद्र का रथ खींचा गया, इसके बाद बहन सुभद्रा का रथ खींचा गया. पहले दिन बलभद्र का रथ 200 मीटर तो सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथ कुछ दूरी तक ही खींचे गए. इसके बाद शनिवार को सबह 10 बजे से रथयात्रा दोबारा शुरू हुई और भक्तों ने तीनों रथ खींचे. इसके बाद सुबह 11.20 बजे भगवान बलभद्र, 12.20 बजे देवी सुभद्रा तो 1.11 बजे महाप्रभु जगन्नाथ का रथ गुंडिचा मंदिर पहुंच गया.