/newsnation/media/media_files/2025/08/24/isro-2025-08-24-16-56-09.jpg)
isro Photograph: (social media)
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गगनयान मिशन के पैराशूट आधारित डिक्लेरेशन प्रणाली के लिए अपना पहला एकीकृत एयर ड्रॉप परीक्षण (आईएडीटी-01) सफलतापूर्वक पूरा किया. यह परीक्षण अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी तय करने को लेकर सुरक्षा तंत्र को मान्य करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. इसरो के अनुसार, यह भारतीय वायुसेना, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के संयुक्त प्रयास से किया गया.
ISRO successfully accomplishes first Integrated Air Drop Test (IADT-01) for end to end demonstration of parachute based deceleration system for Gaganyaan missions. This test is a joint effort of ISRO, Indian Air Force, DRDO,Indian Navy and Indian Coast Guard pic.twitter.com/FGaAa1Ql6o
— ISRO (@isro) August 24, 2025
भारतीय तटरक्षक बल का संयुक्त प्रयास
'एक्स' पर एक पोस्ट में अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, "इसरो ने गगनयान मिशन के लिए पैराशूट आधारित डिक्लेरेशन प्रणाली के संपूर्ण प्रदर्शन समेत पहला एकीकृत वायु ड्रॉप परीक्षण (आईएडीटी-01) सफलतापूर्वक पूरा किया. यह परीक्षण इसरो, भारतीय वायु सेना, डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल का संयुक्त प्रयास है."
गगनयान की परीक्षण उड़ान दिसंबर में तय
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसरो अध्यक्ष वी.नारायणन ने कहा कि भारत का पहला मानवरहित गगनयान मिशन, G1 दिसंबर में अर्ध-मानव रोबोट व्योममित्र के साथ अपनी परीक्षण उड़ान भरेगा. प्रेस कांन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए. नारायणन ने कहा कि गगनयान अच्छी प्रगति कर रहा है. इसका अब तक 80 प्रतिशत परीक्षण, यानी लगभग 7,700 परीक्षण किए गए हैं. उन्होंने कहा कि शेष 2,300 परीक्षण अगले वर्ष मार्च तक पूरे होने की उम्मीद है.
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन, गगनयान के मानव रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) का विकास और जमीनी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है.