ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष जारी है. अब इस लड़ाई में अमेरिका की भी एंट्री हो गई है. अमेरिका ने हवाई हमला कर ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह कर दिया है. अमेरिका ने दावा किया है कि यह दुनिया की अब तक की सबसे सटीक और बड़ी सैन्य कार्रवाई थी. अमेरिका ने दावा किया है कि बी-2 बॉम्बर्स का इस्तेमाल कर ईरान के परमाणु ठिकानों पर बंकर-बस्टर बम गिराए गए हैं, जिसमें उसकी फोर्डो, नतांज और इस्फहान न्यूक्लियर साइट्स तबाह हो गई हैं. ईरान ने इसके लिए अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी है. ईरान ने कहा है कि अमेरिका ने जो किया है उसका खामियाजा अब उसकी जनता को भुगतना होगा. हालांकि अमेरिका ने इस युद्ध से अलग होने की बात कही है. अमेरिका का कहना है कि उसका मकसद केवल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को तबाह करना था, युद्द लड़ना या उसके नागरिकों को नुकसान पहुंचाना नहीं.
ईरान पर टिकी हुई थी सबकी नजरें
वहीं, अमेरिकी हमले के बाद दुनिया की नजर ईरान पर टिकी हुई थी की वह इसका कैसे जवाब देता है. अमेरिकी हमले के बाद ईरान की तरफ से बड़ी धमकी सीधे अमेरिका को दी गई है. ईरानी संसद में होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने का जो प्रस्ताव पारित हो गया है. आखिरी फैसला खामेनेई पर छोड़ा गया है. होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने का खामेनेई आखिरी फैसला लेंगे. इस बीच अगर ऐसा होता है तो एशियाई देशों में तेल संकट बढ़ सकता है. होर्मुज स्ट्रेट के नाम से ईरान और ओमान के बीच का ये पतला सा ट्रैक है पूरी दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ईरान के स्टेट ऑफ होर्मुज से दुनिया भर में कच्चे तेल की तकरीबन 20 से 30% सप्लाई होती है. ईरानी संसद में इसको बंद करने का फैसला ले लिया गया है. अब आखिरी फैसला वहां के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई को लेना है.
ईरानी संसद ने पास किया प्रस्ताव
बड़ा सवाल यह कि अगर होर्मुज स्ट्रेट को बंद किया जाता है तो फिर आने वाले वक्त में पूरी दुनिया में आर्थिक मोर्चे पर किस तरीके की चुनौती बढ़ सकती है. अगर खामेनेई यह फैसला नहीं लेते हैं तो उसका क्या असर होगा. दरअसल, यह 170 कि.मी का पूरा ट्रैक है. इस 170 कि.मी के ट्रैक में एक तरफ ईरान है. 170 कि.मी के इस रास्ते में तकरीबन 30 कि.मी का ये ट्रैक है, जिसको होर्मुज स्ट्रेट कहा जाता है. इसको अगर ईरान रोकता है तो वैश्विक खपत का जो 20 से 30% कच्चा तेल यहां से सप्लाई होता है वो प्रभावित हो सकता है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या ईरानवाकई इस रास्ते को रोक सकता है और अगर वह ऐसा करता है तो अमेरिका का क्या एक्शन होगा. एक रिपोर्ट की मानें तो ऐसा करके ईरान दूसरे देशों को मजबूर करना चाहता है कि वो अमेरिका और इजराइल को प्रेशराइज करें कि इस वार को वो खत्म करें. लेकिन अगर ईरान होर्मुज स्ट्रेट को बंद करता है तो दुनियाभर में कच्चे तेल के दाम बढ़ सकते हैं.