Bangladesh crisis: बांग्लादेश में हिंदुओं और इस्कॉन पुजारियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को देखते हुए कोलकाता के ISKCON टेंपल ने हिंदुओं और पुजारियों को एक सलाह दी है. हिंदुओं पर हमलों के बीच, इस्कॉन कोलकाता ने पड़ोसी देश में अपने सहयोगियों और अनुयायियों को सलाह दी है कि वे तिलक मिटा दें और तुलसी की माला छिपा लें. इतना ही नहीं, अपना सिर ढक लें और भगवा पहनने से बचें.यह सलाह इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास की तरफ से दी गई है.
राधारमण दास ने कहा, 'मैं सभी भिक्षुओं और सदस्यों को सलाह दे रहा हूं कि संकट की इस घड़ी में, उन्हें अपनी सुरक्षा करने और संघर्ष से बचने के लिए बहुत सावधान रहना चाहिए. मैंने उन्हें सुझाव दिया है कि वे भगवा कपड़े और माथे पर सिंदूर लगाने से बचें.'
इस्कॉन के अनुयायियों में दहशत
बता दें कि बांग्लादेश में इस्कॉन के 75 से ज्यादा मंदिर हैं. उनके 60 हजार फुल टाइम मेंबर हैं जबकि 2 लाख से ज्यादा प्राइमरी मेंबर हैं. बांग्लादेश में इस्कॉन के अनुयायियों में इतनी दहशत बनी हुई है कि हमलों की आशंका के चलते इस्कॉन ने ढाका को छोड़कर चटगांव, कुश्तिया, खुलना और मयमनसिंह शहरों में मंदिर के बाहर अपने सभी कार्यक्रम बंद कर दिए हैं.
अब आप यह खबर भी पढ़ें- 'जात पात हटने पर सनातनी मुसलमान बन जाएंगे'...शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का विवादित बयान
क्यों हुए ऐसे हालात
दरअसल, बांग्लादेश में इस्कॉन के एक प्रमुख पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को नवंबर में रंगपुर में हिंदू समुदाय के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के बाद ढाका में गिरफ्तार किया गया था. चिन्मय कृष्ण दास पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है. 26 नवंबर को ढाका की एक अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.चिन्मय दास की जमानत पर सुनवाई 2 जनवरी तक के लिए टाल दी गई है. वहीं, चिन्मय दास के वकील रमन रॉय पर क्रूर हमला हुआ है और वह ICU में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वकील ने कोर्ट में चिन्मय प्रभु का बचाव किया तो कट्टरपंथियों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और उन पर बेरहमी से हमला किया.
अब आप यह खबर भी पढ़ें- बांग्लादेश ने फिर की गुस्ताखी, भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब, इस बात को लेकर जताया विरोध