अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि ईरान की परमाणु फैसिलिटी जमीन के नीचे इतनी गहराई में है कि बंकर बस्टर बम भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते. अमेरिका ने इस्फ़हान परमाणु फैसिलिटी पर टॉम हॉक मिसाइलों से हमला किया था. इसका सीधा मतलब यह हुआ कि अब भी इस इरान में परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी यूरेनियम हो सकता है. इसीलिए ईरानी अधिकारियों ने इस साइट पर काम शुरू कर दिया है.
अमेरिका और इजराइल के साथ पूरी दुनिया को खतरा
ईरान के इस इस्फ़हान परमाणु साइट से आई कुछ तस्वीरों ने अमेरिका और इजराइल के साथ पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है. ये सेटेलाइट तस्वीरें 27 जून को ली गई थी, जिससे साफ है कि ईरान ने इस्फ़हान परमाणु फैसिलिटी के भूमिगत परिसर में स्थित एक टनल के एंट्री गेट को फिर से खोल दिया है. इस गेट को पहले सील कर दिया गया था. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का दावा है कि ईरान की अधिकांश समृद्ध परमाणु सामग्री इस्फ़हान और फोर्डो में दबी हुई है. वहीं, अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि इस्फ़हान की भूमिगत संरचनाओं में ईरान के समृद्ध यूरेनियम भंडार का लगभग 60% हिस्सा है, जिससे ईरान परमाणु हथियार बना सकता है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार इस्फ़हान से लेकर फोर्डो परमाणु साइट तक तबाह होने का दावा कर रहे हैं.
एक दर्जन से ज्यादा बंकर बस्टर बम गिराए
अमेरिकी के बी2 बम वर्षकों ने ईरान के फोर्डो और नतांज परमाणु स्थलों पर तो एक दर्जन से ज्यादा बंकर बस्टर बम गिराए थे. लेकिन इस्फ़हान पर केवल अमेरिकी की पडुब्बी से दागी गई. टॉमहॉक मिसाइलों से ही हमला किया गया था. ऐसा क्यों किया गया, इसकी वजह भी हम आपको बता देते हैं. इस्फ़हान न्यूक्लियर फैसिलिटी अमेरिका का सबसे बड़ा सिरदर्द है. दरअसल, सीआईए के पास ये स्पेसिफिक इनपुट है कि यह न्यूक्लियर फैसिलिटी जमीन के इतनी गहराई में है जहां बंकर बस्टर बम भी नाकाफ़ साबित होंगे. यही वजह है कि इस न्यूक्लियर फैसिलिटी के ऊपर अमेरिका ने अपनी अति उत्तम टॉम हॉक मिसाइल के जरिए हमला किया था. मतलब यह हो सकता है कि भूमिगत इस्फ़हान परमाणु साइट के नीचे अब भी ईरान का अत्याधिक संवर्धित यूरेनियम बचा हो. ईरान ने 408 किलो यूरेनियम यहीं शिफ्ट कर दिया हो, जिस तरह से ईरान फिर से इसान परमाणु साइट को वर्किंग कंडीशन में लाने की कोशिश कर रहा है उससे इसकी संभावना प्रबल है.