INS Arnala: भारतीय नौसेना की समुद्री शक्ति को और मजबूती मिली है। अत्याधुनिक एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) INS अर्नाला को आज औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना के ईस्टर्न नेवल कमांड में शामिल किया गया। यह गौरवपूर्ण अवसर जनरल अनिल चौहान, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) की उपस्थिति में नेवल डॉकयार्ड, विशाखापट्टनम में सम्पन्न हुआ।
यह जहाज देश में ही निर्मित 16 ASW-SWC में से पहला है और इसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) तथा L&T शिपबिल्डिंग ने संयुक्त रूप से तैयार किया है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
INS अर्नाला, 77 मीटर लंबा और 1490 टन वजनी युद्धपोत है, जो डीज़ल इंजन और वॉटरजेट संयोजन से संचालित होने वाला सबसे बड़ा भारतीय नौसैनिक जहाज है। यह जहाज न केवल पानी के नीचे निगरानी और दुश्मन पनडुब्बियों की रोकथाम में सक्षम है, बल्कि सर्च एंड रेस्क्यू मिशन और कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों (LIMO) में भी अहम भूमिका निभा सकता है।
INS अर्नाला को महाराष्ट्र तट के पास स्थित ऐतिहासिक अर्नाला किले के नाम पर रखा गया है, जो भारत के समुद्री गौरव का प्रतीक रहा है।
अपने संबोधन में जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारतीय नौसेना अब "खरीदने वाली नौसेना से निर्माण करने वाली नौसेना" बन चुकी है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी तकनीक से निर्मित युद्धपोत अब स्टील्थ टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, और एडवांस्ड सेंसर सिस्टम जैसी अत्याधुनिक क्षमताओं से लैस हैं।
उन्होंने भारतीय नौसेना को रणनीतिक सोच को साकार करने की दिशा में स्वदेशी निर्माण के माध्यम से लगातार प्रयासों के लिए सराहा और इसे 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक ठोस उपलब्धि बताया।
रणनीतिक बढ़त और औद्योगिक साझेदारी का प्रतीक
INS अर्नाला की तैनाती भारत की समुद्री रणनीति को सुदृढ़ करती है और रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी डिजाइन, अभियांत्रिकी और निर्माण कौशल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
यह युद्धपोत ना केवल सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि देश के औद्योगिक विकास और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल भी है।
एक नजर इन खासियतों पर
- स्वदेशी रूप से निर्मित पहला ASW-SWC
- अत्याधुनिक ASW हथियार और सेंसर सिस्टम से सुसज्जित
- डीज़ल इंजन-वॉटरजेट प्रणाली से संचालित
- समुद्र में निगरानी, सुरक्षा और खोज अभियान के लिए उपयुक्त