इंदौर के राजा रघुवंशी की हत्या के केस से मेघालय के पर्यटन पर असर देखा जा रहा है. मीडिया में आई खबरों ने यहां पर घूमने का प्लान बना रहे पर्यटकों में दहशत का माहौल है. आपको बता दें कि इंदौर के नवविवाहित दंपति राजा और सोनम रघुवंशी यहां पर हनीमून मनाने आए थे. मगर कुछ ही दिनों बाद यह दंपति गुम हो गया. परिवारवालों के लगातार फोन लगाने के बाद भी किसी तरह का रिस्पांस न मिलने के कारण मामला पुलिस के पास पहुंचा. मगर प्रशासन ने अधिक तत्परता नहीं दिखाई. 18 मई को दंपति लापता हो गया था. इसके बाद दबाव बढ़ने के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की. गहन तलाशी के बाद राजा का शव खाई में मिला.
पयर्टकों के मन में दशहत
इस दौरान तरह-तरह के कयास लगाए गए कि राजा की हत्या करके सोनम को अगुवा कर लिया गया है. बांग्लादेश के सटी सीमा होने के कारण कई तरह की थ्योरी सामने आ रही थीं. इसमें लोकल क्रीमनल के शामिल होने की बात हो रही थी. इससे यहां के पर्यटन असर दिखने लगा. पयर्टकों के मन में दशहत होने के कारण लोग यहां आने से बच रहे हैं. इससे यहां के स्थानी व्यापारियों में रोष है
बेगुनाही का दावा
इस हत्या में सोनम और साथी राज कुशवाह का नाम सामने आया है. जिन्होंने सुपारी देकर राजा रघुवंशी की हत्या करवाई थी. इस केस में बाहरी संलिप्तता के स्पष्ट संकेत मिलते हैं. इससे मेघालय की प्रतिष्ठा को धक्का लगा है. सोनम के पिता ने सार्वजनिक रूप से उसकी बेगुनाही का दावा किया. मेघालय पुलिस पर कई आरोप लगे. कहानी में विसंगतियों का आरोप लगा. राज्य को गलत तरीके से पेश किया गया.
गलत तरह से बदनाम किया
यह कहानी एक्स और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोकप्रिय हुई. कुछ उपयोगकर्ताओं ने मेघायल की जनता को गलत तरह से बदनाम किया. यहां तक कि पूरे पूर्वोत्तर के निवासियों को “नरभक्षी” जैसा घृणित लेबल दिया. सोहरा को “अपराध-प्रवण” के रूप में विवादास्पद रूप से ब्रांड किया गया. इसकी स्थानीय नेताओं ने तीखी आलोचना की. इसकी रिपोर्टिंग से राज्य को गलत तरह से पेश की है और पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को बदनाम करती है.