Border News: भारत और बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में तैनात जवानों को 5000 से अधिक बॉडी वॉर्न कैमरे दिए जा रहे हैं, जिससे ड्यूटी के दौरान, हमला करने वाले अपराधियों की पहचान की जा सके. साथ ही अवैध बांग्लादेशियों की पहचान करके उन्हें दोबारा उनके देश में भेजने में भी इससे मदद होगी.
सुरक्षा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भारत और बांग्लादेश की सीमा 4,096 किलोमीटर लंबी है. इतने लंबे बॉर्डर की कुछ बीसीएफ चौकियों को बायोमैट्रिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है, जिससे अवैध बांग्लादेशियों के अंगुलियों के निशान और आंखों की पुतलियों की तस्वीर ली जा सकें. बाद में जरूरत पड़ने पर इन डेटा को विदेशी पंजीकरण कार्यालय के साथ साझा किया जा सके.
Border News: सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की पहल
बीएसएफ की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आलाकमान द्वारा 5 अगस्त, 2024 दो नीतिगत निर्णय लिए गए थे. निर्णय सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए, लिए गए थे. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद सीमा की सुरक्षा पर जोर दिया गया. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि हाल में बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा करने के बाद बीएसएफ मुख्यालय ने इन दो प्रस्तावों को मंजूरी दी.
Border News: 12-14 घंटे की हो जाएगी रिकॉर्डिंग
सूत्रों के अनुसार, भारत और बांग्लादेश इंटरनेशनल सीमा की सुरक्षा में तैनात बीएसएफ जवानों को दो चरणों में करीब 5000 बॉडी वॉर्न कैमरे दिए जा रहे हैं. इन कैमरों को जवान हेलमेट या फिर वर्दी में पहन सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि रात के अंधेरे में भी इन कैमरों से देखा जा सकता है. 12-14 घंटे की फुटेज इसमें रिकॉर्ड की जा सकती है.
Border News: सबूतों को रिकॉर्ड करने में मददगार
सूत्रों ने बताया कि इन कैमरों की रिकॉर्डिंग की मदद से बीएसएफ के जवान अवैध बांग्लादेशियों को वापस भेज पाएंगे. जवाब मानव तस्करी, घुसपैठ, मादक पदार्थ, मवेशियों, फर्जी मुद्रा की तस्करी पर भी इसकी मदद से लगाम लगा पाएंगे. सूत्रों ने बताया कि रिकॉर्डिंग उन मामलों में सबूत के रूप में काम करेगी, जहां बीएसएफ जवानों पर दोनों देशों के अपराधियों की ओर से हमला किया जाता है.