इंडिगो की यह घटना कोई मामूली घटना नहीं है. यह उस एयरलाइंस की स्थिति है जो देश के डोमेस्टिक मार्केट पर राज करता है.
इंडिगो क्राइसिस के लिए जिम्मेदार कौन है? क्यों फेल हो गया इंडिगो मैनेजमेंट? यह सिर्फ सिस्टम का फेलियर नहीं है. यह एक बड़ी त्रासदी है. 5 दिसंबर को महज एक दिन में इंडिगो की करीब 1000 फ्लाइट्स रद्द हुई या फिर डिले हो गई और यह कोई सामान्य घटना नहीं है. इंडिगो क्राइसिस के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है? कोई बेटी की शादी में तय समय पर नहीं पहुंच पाया तो किसी के पिता की अस्थियां एयरपोर्ट पर फंस कर रह गई. हर पैसेंजर के अपने दुख की अलग कहानी है. अभी भी स्थिति सामान्य नहीं हुई है.
मैनेजमेंट पूरी तरह से फेलियर साबित हुआ
इंडिगो की यह घटना कोई मामूली घटना नहीं है. यह उस एयरलाइंस की स्थिति है जो देश के डोमेस्टिक मार्केट पर राज करती है. इंडिगो के कर्ताधर्ताओं से भी कोई छोटी-मोटी गलती नहीं हुई. बहुत बड़ा गुनाह हुआ है. गौर करने की बात यह है कि एफडीटीएल के नए नियमों पर कम से कम 6 महीने तक एयरलाइंस से चर्चा हुई है. दूसरी एयरलाइंस नए नियमों के तहत क्रू प्लानिंग और रोस्टर को एडजस्ट कर चुकी थी. इंडिगो मैनेजमेंट पूरी तरह से फेलियर साबित हुआ.
नए नियम के मुताबिक 500 विमानों वाले इंडिगो एयरलाइंस को कम से कम 200 पायलट्स और को पायलट्स की जरूरत पड़ती है. अब भर्ती और ट्रेनिंग में वक्त लगता है. महीने पहले से नए नियम पर बातचीत हो रही थी. पर इंडिगो मैनेजमेंट की तरफ से कोई भी एक्शन नहीं लिया गया और इसके चलते हालात आउट ऑफ कंट्रोल हो गए.
सरकार की तरफ से जरूरी कदम उठाए जा रहे
इस क्राइसिस से निपटने के लिए सरकार की तरफ से जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. वैसे तो हालात बेहतर हुए हैं लेकिन संकट के छठे दिन भी 650 से ज्यादा फ्लाइट्स को कैंसिल किया गया है. सवाल यह है कि आखिर स्थिति सामान्य कब होगी और मुद्दा यह कि ऐसा संकट दोबारा ना हो इसके लिए क्या व्यवस्था की जाएगी?
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