चीन के विभिन्न शहरों में आयोजित भारतीय योग के आयोजनों ने न केवल भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त रूप से प्रस्तुत किया, बल्कि योग और आयुर्वेद के माध्यम से वैश्विक समुदाय के बीच सेतु भी बनाया. शंघाई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधीनस्थ क्षेत्रों जैसे यीवू, हांगझोउ, सूझोउ और शाओशिंग में हुए इन आयोजनों में चीनी योग प्रेमियों और भारतीय प्रवासी समुदाय ने उत्साहपूर्वक भाग लिया.
योग और आयुर्वेद एक-दूसरे के पूरक
यीवू में आयोजित कार्यक्रम के बारे में हांगझोउ निवासी प्रेम नारायण ने कहा, "योग के प्रति समान रुचि रखने वाले लोगों से जुड़ने का यह एक अद्भुत अवसर था. इस आयोजन ने हमें आयुर्वेद की समग्र स्वास्थ्य प्रणाली के महत्व को और गहराई से समझने में मदद की. वाणिज्य दूतावास द्वारा इन परंपराओं को हम तक लाने के लिए हम आभारी हैं." हांगझोउ में भाग लेने वाले एक अन्य प्रतिभागी ने कहा, "यह आयोजन बहुत प्रेरणादायक रहा. शंघाई में आज के आयोजन ने दर्शाया कि योग और आयुर्वेद एक-दूसरे के पूरक हैं. इन कार्यक्रमों के माध्यम से संस्कृतियों को जोड़ना वाकई सुखद अनुभव है."
आयुर्वेद की व्यावहारिक उपयोगिताओं को रेखांकित किया
इन आयोजनों में योग प्रशिक्षकों और आयुर्वेद विशेषज्ञों द्वारा संचालित इंटरैक्टिव सत्र भी आयोजित किए गए, जिनमें योग और आयुर्वेद की व्यावहारिक उपयोगिताओं को रेखांकित किया गया. इन सत्रों में मानसिक और शारीरिक क्षमता को बेहतर बनाने में इन दोनों पद्धतियों की भूमिका को प्रमुखता से दर्शाया गया. भारतीय वाणिज्य दूतावास, शंघाई ने कहा कि वह ऐसे आयोजनों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक और स्वास्थ्य परंपराओं को आगे बढ़ाने तथा दो देशों के बीच सांस्कृतिक संवाद को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है. योग और आयुर्वेद के संग, सेहत और संस्कृति का उत्सव चीन में – यही संदेश रहा IDY 2025 के इन उत्साहपूर्ण आयोजनों का.