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वायरल वीडियो Photograph: (X/ANI)
सोशल मीडिया पर एक भारतीय महिला का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह चीन के शंघाई एयरपोर्ट पर अपने साथ हुए बदसलूकी भरे अनुभव को साझा कर रही हैं. वीडियो वायरल होते ही भारत–चीन संबंधों के बीच मौजूद संवेदनशील मुद्दे, विशेषकर अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन के दावों पर फिर से बहस छिड़ गई है. महिला का नाम प्रेमा वांगजोम थोंगडोक है, जो मूल रूप से अरुणाचल प्रदेश से हैं और पिछले 14 वर्षों से ब्रिटेन में रह रही हैं. वांगजोम के मुताबिक, उनके साथ जो व्यवहार हुआ, उसने उन्हें झकझोरकर रख दिया.
तुम्हें तो चीनी पासपोर्ट लेना चाहिए
वांगजोम लंदन से जापान जा रही थीं और उनका ट्रांजिट (थोड़े देर के लिए रुकना) शंघाई में था. उन्होंने बताया कि इमीग्रेशन की कतार में खड़ी थीं, तभी एक अधिकारी ने बिना कारण बताए उन्हें रोककर लाइन से अलग कर दिया. जब उन्होंने सवाल किया कि आखिर उन्हें क्यों रोका जा रहा है, तो अधिकारी ने बेहद अपमानजनक जवाब दिया, “अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा नहीं, चीन का है.
इसलिए आपका वीजा और पासपोर्ट मान्य नहीं है.” वांगजोम के अनुसार, इसी दौरान वहां मौजूद अन्य अधिकारी भी उनकी ओर देखकर हंसने लगे और एक अधिकारी ने तंज कसते हुए कहा, “तुम भारतीय नहीं, चीनी हो. तुम्हें चीनी पासपोर्ट लेना चाहिए.”
ऐसा पहली बार हुआ है
वांगजोम दावा करती हैं कि यह उनके जीवन में पहली बार हुआ. इससे पहले भी वे कई बार शंघाई होकर यात्रा कर चुकी हैं, लेकिन कभी भी ऐसा व्यवहार नहीं देखा. उनका कहना है कि चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस के कर्मचारी और इमीग्रेशन अधिकारी आपस में अपनी भाषा में बात करते रहे और बार-बार अरुणाचल प्रदेश का नाम लेकर उनकी ओर इशारे करते रहे. उनके अनुसार, ऐसा लग रहा था कि वे जानबूझकर मानसिक रूप से परेशान करने की कोशिश कर रहे हों.
#WATCH | Prema Wangjom Thongdok from Arunachal Pradesh claims that Chinese immigration officials at Shanghai Pudong Airport declared her Indian passport invalid and delayed her travel to Japan.
— ANI (@ANI) November 24, 2025
She says, "... When I tried to question them and ask them what the issue was, they… pic.twitter.com/onL9v1Oe0j
लोगों ने क्या कहा?
वीडियो में वांगजोम ने कहा कि एक विकसित देश के प्रतिनिधि इस तरह की हरकतें करेंगे, यह उन्होंने कभी नहीं सोचा था. उनका कहना है कि पेशेवर पद पर बैठे लोगों का यह रवैया न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि यह दिखाता है कि चीन की कथित दावे किस तरह लोगों के व्यवहार पर असर डाल रहे हैं.
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और भारत सरकार से इस मामले को गंभीरता से उठाने की मांग की है. कई यूजर्स ने इसे भारत की संप्रभुता का मुद्दा बताते हुए चीन के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं.
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