Indian Railways : भारतीय रेलवे को देश की लाइफ लाइन कहा जाता है. क्योंकि भारत में रोजाना लाखों-करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं. इसके साथ ही एशिया में भारतीय रेलवे का सबसे बड़ा नेटवर्क है. रेलवे अपने यात्रियों को देश के एक कोने से दूसरे कोने में पहुंचाने की सुविधा देता है. यही वजह है कि लंबी दूरी की यात्रा के लिए लोग ट्रेन को ही तरजीह देते हैं. ऐसे में भारतीय रेलवे भी अपने यात्रियों की जरूरत और सुविधा का ध्यान रखते हुए समय-समय पर अपनी सेवाओं को अपडेट करता है.
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महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान
इस क्रम में रेलवे ने वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान किए हैं. ताकि उनकी यात्रा आरामदायक और सुरक्षित हो सके. अगर आप महिला हैं और अक्सर ट्रेन से यात्रा करती हैं तो यह खबर बिल्कुल आपके लिए हैं. क्योंकि इस खबर में हम आपको बताएंगे कि रेलवे महिलाओं को कौन-कौन सी सुविधा देता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय रेलवे 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं, दिव्यांग यात्रियों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए लोअर बर्थ को आरक्षित रखता है. ताकि उनको अपर बर्थ यानी ऊपर वाली सीट पर चढ़ने में परेशानी न हो.
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रेलवे का ऑटोमेटेड टिकटिंग सिस्टम करता है काम
इसके लिए रेलवे का ऑटोमेटेड टिकटिंग सिस्टम काम करता है, जो इन विशेष कैटेगरी के यात्रिओं को वरीयता देते हुए ऑटोमेटिक लोअर बर्थ आवंटित करता है. फिर चाहे वो ऑनलाइन टिकट बुकिंग के समय लोअर बर्थ को सलेक्ट करें या न करें. दरअसल, भारतीय रेलवे ने हर श्रेणी को बोगी में वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए कुछ लोअर बर्थ यानी नीचे की सीटें आरक्षित की हुई हैं.
स्लीपर क्लास यानी एसएल में हर कोच में 6 से 7 सीटें (लोअर बर्थ) के रूप में आरक्षित होती हैं. जबकि थर्ड एसी में चार से पांच सीटें विशेष यात्रियों के लिए आरक्षित रहती हैं. सेकंड एसी की बात करें तो इसमें तीन से चार सीटें (लोअर बर्थ) के तौर पर उपलब्ध रहती हैं.