Indian Pakistan Tension: पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, जम्मू के आरपुरा में फायरिंग में बिहार के लाल BSF जवान इम्तियाद शहीद

मोहम्मद इम्तियाज की शहादत एक बार फिर यह साबित करती है कि भारत की सीमाएं उन वीर जवानों के साहस पर टिकी हैं जो हर परिस्थिति में डटकर खड़े रहते हैं। उनका बलिदान न केवल एक परिवार के लिए, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए गर्व की बात है

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Dheeraj Sharma
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BSF Jawan martyr

BSF Jawan martyr

Indian Pakistan Tension:  जम्मू-कश्मीर के आर.एस. पुरा सेक्टर से एक बार फिर देशभक्ति और बलिदान की गाथा सुनाई दी है, जब सीमा सुरक्षा बल (BSF) के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. पाकिस्तान की ओर से 10 मई 2025 को किए गए सीजफायर उल्लंघन के दौरान, इम्तियाज ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया.

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सीमा पर अद्वितीय साहस का परिचय

बीएसएफ के अनुसार, जब दुश्मन की ओर से अकारण गोलीबारी शुरू हुई, उस वक्त सब-इंस्पेक्टर इम्तियाज अपनी चौकी की कमान संभाले हुए थे. उन्होंने अपनी टीम के साथ मोर्चा लिया और जवाबी कार्रवाई की. उनका उद्देश्य केवल गोलियों का सामना करना नहीं था, बल्कि अपने साथियों की सुरक्षा और राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा करना था. अपनी अंतिम सांस तक वे डटे रहे और वीरगति को प्राप्त हुए. 

गांव में शोक और गर्व का माहौल

शहीद मोहम्मद इम्तियाज बिहार के सारण जिले के गड़खा प्रखंड के नारायणपुर गांव के निवासी थे. जैसे ही उनके बलिदान की खबर गांव में पहुंची, हर आंख नम हो उठी. गांव की गलियों में मातम का सन्नाटा तो था, लेकिन उस शोक के बीच गर्व की भावना भी थी कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है.

स्थानीय लोगों की मानें तो  इम्तियाज एक नेक, सरल और मिलनसार इंसान थे. वे गांव आने पर सभी से मिलते, खुलकर मुस्कुराते और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते थे. ईद के अवसर पर कुछ ही हफ्ते पहले गांव आए थे, और परिवार के साथ समय बिताया था.

अपने पीछे दो बेटियां और दो बेटे छोड़ गए इम्तियाज

शहीद इम्तियाज के परिवार में पत्नी और चार संतानें हैं  दो बेटे और दो बेटियां। उनके बड़े पुत्र मोहम्मद इमरान एक बायोमेडिकल इंजीनियर हैं और पटना के पीएमसीएच में कार्यरत हैं. पिता की शहादत की खबर मिलते ही वे तुरंत जम्मू के लिए रवाना हो गए. यह क्षण परिवार के लिए भावनात्मक रूप से अत्यंत कठिन था, लेकिन देश के प्रति गर्व भी झलक रहा था.

बीएसएफ का श्रद्धांजलि संदेश

बीएसएफ ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "हम BSF #Braveheart सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज को सलाम करते हैं, जिन्होंने आर.एस. पुरा क्षेत्र में राष्ट्र की सेवा करते हुए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया." यह श्रद्धांजलि न केवल एक सैनिक को सम्मान देती है, बल्कि उन सभी वीरों को समर्पित है जो हर दिन सीमाओं पर अपनी जान की बाज़ी लगाकर देश की रक्षा करते हैं.

मोहम्मद इम्तियाज की शहादत एक बार फिर यह साबित करती है कि भारत की सीमाएं उन वीर जवानों के साहस पर टिकी हैं जो हर परिस्थिति में डटकर खड़े रहते हैं। उनका बलिदान न केवल एक परिवार के लिए, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए गर्व की बात है. उनकी यादें हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेंगी. 

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