भारत तेजी से आत्मनिर्भर होता जा रहा है. मेक इन इंडिया पहल के तहत बुधवार को भारतीय नौसेना को छठी स्कॉर्पीन पनडुब्बी वाघशीर सौंप दी गई. इसे अब आईएनएस वाघशीर के रूप में भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा. भारतीय नौसेना के लिए तैयार की गई हंटर-किलर पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर का बीते वर्ष 18 मई से समुद्री परीक्षण जारी था. यह पनडुब्बी दुश्मन पर बड़ा हमला करने की ताकत रखती है. यह हमला पानी के नीचे या सतह पर, एंटी-शिप मिसाइलों के साथ हो सकता है.
पनडुब्बी संचालन में एक खास बदलाव ला रहा
वाघशीर बहुआयामी मिशनों में काम आ सकती है. इसमे एंटी-सरफेस वारफेयर, एंटी-सबमरीन वारफेयर, खुफिया जानकारी जुटाना, एरिया सर्विलांस जैसे आधुनिक उपकरण हैं. यह एक शक्तिशाली प्लेटफॉर्म है, जो पनडुब्बी संचालन में एक खास बदलाव ला रहा है. इस पनडुब्बी में एक परिष्कृत एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणाली (आईपीएमएस) और एक लड़ाकू प्रबंधन प्रणाली (सीएमएस) के साथ एक खास स्तर है.
इस शक्तिशाली प्लेटफ़ॉर्म की ताकत को बढ़ाने के लिए ध्वनि, ऑप्टिकल, इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक और इंफ्रारेड सिग्नेचर को कम करने पर खास ध्यान दिया गया. वाघशीर पिछली पांच नौकाओं से काफी अलग है. इस पनडुब्बी में खास बैटरियों और कू-बैंड सैटकॉम के साथ स्वदेशी रूप से विकसित एयर कंडीशनिंग प्लांट और आंतरिक संचार एवं प्रसारण प्रणाली लगी है. मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने भारतीय नौसेना को यह स्कॉर्पीन पनडुब्बी वाघशीर सौंपी है.