भारतीय नेवी ने बड़े हादसे को टाला, डूब रहे लाइबेरियाई जहाज में सवार 24 सदस्यों को मौत के मुंह से बाहर निकाला

कोच्चि तट पर रविवार को उस समय हड़कंप मच गया जब एक लाइबेरियाई कंटेनर पोत एमएससी ईएलएसए-3 डूब गया. 

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Mohit Saxena
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कोच्चि तट पर रविवार को एक लाइबेरियाई कंटेनर पोत एमएससी ईएलएसए-3 डूब गया. मगर यहां पर पहले से मौजूद भारतीय तटरक्षक बल ने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए पोत पर सवार चालक दल के सभी 24 सदस्यों की जान बचा ली. इनमें से 21 को आईसीजी और तीन को भारतीय नौसेना के आईएनएस सुजाता ने बचाया. यह पोत 640 कंटेनरों के साथ डूब गया. इन कंटेनरों में 12 कैल्शियम कार्बाइड था. इसमें 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल मौजूद था. 

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प्रदूषण प्रतिक्रिया की पूरी तैयारी आरंभ कर दी

केरल के तट पर संवेदनशील समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को देखकर आईसीजी ने प्रदूषण प्रतिक्रिया की पूरी तैयारी आरंभ कर दी है. तेल रिसाव का पता लगाने को लेकर उन्नत प्रणालियों से लैस आईसीजी का विमान हवाई निगरानी में जुटा है. बताया जा रहा है कि यह मामला 24 मई को हुआ. इस दौरान विझिनजाम से कोच्चि जाते वक्त एमएससी ईएलएसए तीन का स्टारबोर्ड करीब 38 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में 26 डिग्री तक झुका. पोत ने इस दौरान संतुलन को खो दिया. 

25 मई को यह पोत उलटा था

कोच्चि में आईसीजी के समुद्री बचाव उप-केंद्र (एमआरएससी) ने तुंरत समन्वित कार्रवाई आरंभ कर दी. आईसीजी डोर्नियर विमान को हवाई निगरानी को लेकर तैनात किया. इसने जीवित बचे लोगों के साथ दो लाइफराफ्ट देखे.  प्रोटोकॉल के तहत आईसीजी गश्ती जहाजों और व्यापारिक जहाजों एमवी हानयी और एमएससी सिल्वर 2 को भी सहायता के लिए भेजा गया. देर शाम रूस, यूक्रेन, जॉर्जिया और फिलीपींस के नागरिकों समेत चालक दल के 24 सदस्‍यों में 21 को बचा लिया. 25 मई को यह पोत उलटा था. चालक दल के तीन सदस्यों को पोत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्हें आईएनएस सुजाता ने बचाया. फिलहाल दुर्घटना की वजह का पता नहीं चला है. 

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