भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ से पाकिस्तान को दिए गए अपने ऋणों की समीक्षा करने को कहा है. भारत ने आईएमएफ़ से ये मांग तब की है जब पहलगाम में आतंकियों ने हमला करके 26 लोगों को शहीद कर दिया था. भारत की तरफ़ से कहा गया है कि पाकिस्तान लगातार बेलआउट पैकेज को गलत तरीके से इस्तेमाल करता रहा है. अपने देश में आतंकियों को पनाह देना और दूसरे मुल्क़ में आतंकवादी हमले करवाने में पाकिस्तान का हाथ रहा है. ये बात पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी यह स्वीकारी है कि पाकिस्तान ने आतंकवादी समूहों के साथ संबंध बनाकर अतीत में कई गलतियाँ की हैं. इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की क्या नीतियां रही हैं और भारत चाहता है कि इन मुद्दों को समझते हुए पाकिस्तान के लेकर आईएमएफ ऋणों की समीक्षा करे.
बेलआउट पैकेज पर चलता पाकिस्तान
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब हो चुकी है इसलिए रेलवे से लेकर एयरलाइंस तक बेचने की नौबत आ चुकी है, वहीं, पाकिस्तान आईएमएफ़ के भरोसे अपने देश को चला पा रहा है. पाकिस्तान को पिछले साल आईएमएफ से 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट मिला था, ताकि उसकी 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को सहारा मिल सके. मार्च में उसे जलवायु संबंधी मुद्दों से निपटने के लिए 1.3 बिलियन डॉलर का नया ऋण भी मिला. पाकिस्तान का कहना है कि इन ऋणों की वजह से उसे वित्तीय संकट से बचने में मदद मिली लेकिन सच्चाई कुछ और ही है.
9 मई को होगी IMF की बैठक
पाकिस्तान को ऋण दिए जाने के आईएमएफ़ के फैसले को लेकर भारत चुनौती दे रहा है भारत की मांग है कि 9 मई को IMF की बैठक में अधिकारी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएं कि पाकिस्तान ऋण के पैसों को क्या देश की प्रगति में लगा रहा है या फ़िर आतंकवादियों को फंडिंग कर रहा है. भारत सरकार का मानना है कि पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. उसने आईएमएफ के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाया है, जो जरूरतमंद देशों को वित्तीय मदद देता है.
आईएमएफ से ज़रूरतमंद देशों को मिलती है मदद
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ दुनिया के तमाम देशों के आर्थिक हालातों पर नज़र रख़ता है और उनको वित्तीय संकट से उबारता है जो अपने 191 देशों के आर्थिक संकट से उबारने, वित्तीय स्थिरता लाने और मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देने वाली आर्थिक नीतियों का समर्थन करता है जो उत्पादकता, रोजगार और आर्थिक कल्याण को बढ़ाने के लिए ज़रूरी हैं.
पाकिस्तान आईएमएफ़ के पैकेज का दुरुपयोग
पाकिस्तान आईएमएफ से मिलने वाली सहायता राशि को देश के विकास के लिए नहीं बल्कि आतंकवाद को पालने के लिए ख़र्च करता है और इसमें सरकार का साथ देती है पाकिस्तान की सेना जो तय तकती है किस आतंकवादी संगठन को कितना हथियार और कितना फंड देना है.