नेपाल में बिगड़ते हालात को लेकर एक्शन में भारत सरकार, जारी की एडवाइजरी

नेपाल में 3 सितंबर को सरकार ने Facebook, WhatsApp, Instagram जैसे सोशल मीडिया एप्स पर बैन लगा दिया था. इसके विरोध में युवाओं का प्रदर्शन इतना हिंसक हो गया कि पुलिस को आंसू गैस की गोली तक छोड़ने पड़े.

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Mohit Sharma
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नेपाल में 3 सितंबर को सरकार ने Facebook, WhatsApp, Instagram जैसे सोशल मीडिया एप्स पर बैन लगा दिया था. इसके विरोध में युवाओं का प्रदर्शन इतना हिंसक हो गया कि पुलिस को आंसू गैस की गोली तक छोड़ने पड़े.

भारत के पड़ोसी मुल्क नेपाल में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. मुल्क में सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ सड़कों पर उतरे हजारों युवाओं का प्रोटेस्ट अब रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बीच नेपाल में बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत सरकार भी एक्शन में आ गई है और नेपाल में मौजूद अपने नागरिकों के लिए एक एडवाइज़री जारी कर दी है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम कल से नेपाल में हो रहे घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं और कई युवाओं की जान जाने से बेहद दुखी हैं. नेपाल में भारतीय नागरिकों को सलाह देते हुए कहा कि वे सावधानी बरतें और नेपाली अधिकारियों द्वारा जारी किए गए कदमों और दिशा निर्देशों का पालन करें.

भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी

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विदेश मंत्रालय ने कहा हम कल से नेपाल में हो रहे घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं और कई युवाओं की जान जाने से बेहद दुखी हैं. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवार के साथ है. हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना करते हैं. एक घनिष्ठ मित्र और पड़ोसी होने के नाते हम आशा करते हैं कि सभी संबंधित पक्ष संयम बरतेंगे और शांतिपूर्ण तरीकों से बातचीत के जरिए किसी भी मुद्दे का समाधान करेंगे. हमने यह भी संज्ञान लिया है कि अधिकारियों ने काठमांडू और नेपाल के कई अन्य शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है. नेपाल में भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे सावधानी बरतें और नेपाली अधिकारियों द्वारा जारी किए गए कदमों और दिशा निर्देशों का पालन करें.

सोशल मीडिया पर बैन से उखड़े युवा

दरअसल, नेपाल में 3 सितंबर को सरकार ने Facebook, WhatsApp, Instagram जैसे सोशल मीडिया एप्स पर बैन लगा दिया था. इसके विरोध में युवाओं का प्रदर्शन इतना हिंसक हो गया कि पुलिस को आंसू गैस की गोली तक छोड़ने पड़े. प्रदर्शनकारी हिंसक हुए तो संसद भवन तक पहुंच गए. पुलिस और प्रदर्शनकारियों में काफी हिंसक भिड़ंत हुई. सरकार ने बैन हटाने का फैसला भी ले लिया. लेकिन प्रदर्शनकारी सड़कों से हटने को तैयार नहीं. अब उन्होंने पीएम के इस्तीफे की मांग कर दी है. सरकार ने सुरक्षा को देखते हुए राजधानी काठमांडू में सेना की तैनाती कर दी है. पीएम केपी शर्मा और राष्ट्रपति घरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक मरने वालों की संख्या 20 तक पहुंच चुकी है और 100 से ज्यादा लोग घायल हैं.

दुनियाभर का अनोखा मामला

नेपाल का यह विरोध प्रदर्शन दुनिया भर में अनोखा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इसमें शामिल और सड़कों पर उतरी भीड़ न्यू यूथ की है. इसे जैन जीज़ प्रोटेस्ट कहा जा रहा है क्योंकि इस प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारियों की औसतन उम्र 20 से 25 वर्ष है. यह कोई सेट आंकड़ा नहीं है. पर इस भीड़ में 16 से 19 साल के नौजवान भी शामिल हो और 30 साल तक के जिम्मेदार युवक भी. लेकिन प्रदर्शन के केंद्र में नई जनरेशन वाले खीप ही ज्यादा नजर आ रहे हैं. नेपाल की कुल आबादी लगभग 3 करोड़ है. जिसमें से 55.8% यानी कि 1 करोड़ 75 लाख के पास इंटरनेट कनेक्शन है. जनवरी 2025 में 48.1% यानी 1 करोड़ 43 लाख लोग सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं. और नेपाल में कुल इंटरनेट यूजर 86.2% कम से कम एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग करता है.

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