Indian Army: भारतीय सेना की एंटी टेरर ऑपरेशन को मजबूत करने की दिशा में रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है. मंत्रालय ने इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट के तहत कुल 13 रक्षा सौदों को अंतिम रूप दिया है, जिनकी कुल लागत ₹1,981.90 करोड़ है. यह सौदे ₹2,000 करोड़ के अधिकृत बजटीय प्रावधान के अंतर्गत किए गए हैं.
इन सौदों को EP प्रक्रिया के तहत तेज़-तर्रार ट्रैक से निष्पादित किया गया, ताकि कम समय में सेना की युद्धक क्षमताओं में बढ़ोतरी सुनिश्चित की जा सके. इस खरीद का मकसद सेना की स्थिति की पहचान क्षमता, मारक क्षमता, गतिशीलता और सुरक्षा को बढ़ाना है- खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां आतंकवाद से सीधे मुकाबला होता है.
इन प्रमुख उपकरणों की खरीद की गई है:
1. इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम्स (IDDIS)
2. लो लेवल लाइटवेट रडार्स (LLLR)
3. वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम्स (VSHORADS) – लॉन्चर और मिसाइल
4. रिमोटली पायलटेड एरियल व्हीकल्स (RPAVs)
5. लॉइटरिंग म्यूनिशन (जिसमें वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग सिस्टम्स शामिल हैं)
6. विभिन्न श्रेणियों के ड्रोन
7. बुलेटप्रूफ जैकेट्स (BPJs)
8. बैलिस्टिक हेलमेट
9. क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल्स (QRFVs) – हेवी और मीडियम दोनों
10. राइफल्स के लिए नाइट साइट्स
भारतीय सेना को आधुनिक बनाने की कोशिश
रक्षा मंत्रालय की इस पहल से साफ है कि सरकार भारतीय सेना को आधुनिक, मिशन-क्रिटिकल और पूर्णत: स्वदेशी उपकरणों से लैस करने के लिए प्रतिबद्ध है. आपातकालीन खरीद प्रक्रिया सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए त्वरित और प्रभावी समाधान मुहैया कर रही है और इससे सेना की रणनीतिक तैयारियों को बड़ा बल मिलेगा.
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