भविष्य की जंग के लिए तैयार है भारतीय सेना : नॉर्दर्न कमांड ने मल्टी-डोमेन वॉरफेयर में रचा नया इतिहास

ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है और ना हीं थमी है भारतीय सेना की युद्धक तैयारियां। इसी क्रम में नॉर्दर्न कमांड ने नेक्स्ट जेनरेशन वॉर फेयर के लिए अपनी तैयारी को नए आयाम देते हुए एक चार दिवसीय ट्राई सर्विसेज मल्टी-डोमेन युद्धाभ्यास को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया।

ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है और ना हीं थमी है भारतीय सेना की युद्धक तैयारियां। इसी क्रम में नॉर्दर्न कमांड ने नेक्स्ट जेनरेशन वॉर फेयर के लिए अपनी तैयारी को नए आयाम देते हुए एक चार दिवसीय ट्राई सर्विसेज मल्टी-डोमेन युद्धाभ्यास को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया।

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Madhurendra Kumar
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Operation Sindoor Indian Army

ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है और ना हीं थमी है भारतीय सेना की युद्धक तैयारियां। इसी क्रम में नॉर्दर्न कमांड ने नेक्स्ट जेनरेशन वॉर फेयर के लिए अपनी तैयारी को नए आयाम देते हुए एक चार दिवसीय ट्राई सर्विसेज मल्टी-डोमेन युद्धाभ्यास को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया। यह युद्ध अभ्यास मुख्यालय उत्तरी कमान के तत्वावधान में आयोजित हुआ, जिसमें भविष्य के संघर्ष परिदृश्यों की सिमुलेशन, नेतृत्व कौशल का प्रदर्शन और सामरिक प्रतिक्रियाओं का परीक्षण किया गया।

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इस वॉर एक्सरसाइ में कमांडरों, अधिकारियों और सैनिकों को साइबर, स्पेस, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और कॉग्निटिव (मानसिक) क्षेत्रों में संभावित खतरों से निपटने की चुनौतियों का सामना कराया गया। इसमें CAPFs, अन्य सशस्त्र बलों, केंद्रीय एजेंसियों और निजी क्षेत्र के रक्षा विशेषज्ञों ने भी हिस्सा लिया जो भारत की बदलती सुरक्षा अवधारणा में “Whole of Nation Approach” की अहमियत को रेखांकित करता है।

स्वदेशी रक्षा उद्योग की सक्रिय भागीदारी ने इस अभ्यास को जॉइंटनेस , आत्मनिर्भरता  और नवाचार की दिशा में एक नई ऊँचाई दी। सीमा क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को साइबर अटैक, स्पेक्ट्रम सैचुरेशन, इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग, स्पूफिंग और कॉग्निटिव अटैक जैसी परिस्थितियों में काम करने का अभ्यास कराया गया।

उत्तरी सेना के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने सैनिकों से बातचीत के दौरान कहा: 

“आधुनिक युद्धों में डोमेनों के बीच की सीमाएँ धुंधली हो रही हैं, इसलिए हमें नई तकनीकों का अधिकतम उपयोग करते हुए निरंतर नवाचार करते रहना होगा। देश की अखंडता और महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों की सुरक्षा के लिए ‘Whole of Nation Approach’ अपनाना आवश्यक है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर दुश्मन को निर्णायक जवाब दिया जा सके।”

यह अभ्यास 4 अक्टूबर को मथुरा में आयोजित संवाद से प्रेरित विचार-विमर्श का परिणाम था। इस युद्धाभ्यास ने यह साबित किया कि भविष्य की जंग की तैयारी खुली सोच और समन्वित टीमवर्क से शुरू होती है।

उत्तरी कमान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बड़ी भूमिका निभाई दिया और पाकिस्तान के बंकर और पोस्ट को भारी नुकसान पहुंचाया था। इस युद्धभ्यास के साथ नॉर्दर्न कमांड अब और अधिक सशक्त, एकजुट और रणनीतिक दृष्टि से तैयार है  ताकि किसी भी उभरते खतरे का बहु-आयामी जवाब दिया जा सके।

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