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विजय दिवस पर भारतीय वायु सेना ने शेयर किया वीडियो Photograph: (X@IAF_MCC)
Vijay Diwas: भारत आज यानी 16 दिसंबर को 54वां विजय दिवस मना रहा है. ये दिन 1971 की उस ऐतिहासिक जीत की याद दिलाता है जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में निर्णायक जीत हासिल की थी. इसी युद्ध के चलते दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा. भारत-पाकिस्तान की ये जंग सिर्फ हथियारों की नहीं थी बल्कि ये मानवता, न्याय और आत्मसम्मान के लिए लड़ी गई. जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों और बांग्लादेशी मुक्ति वाहिनी ने अपने अद्वितीय साहस और बलिदान का परिचय दिया.
क्या है विजय दिवस का इतिहास?
दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस युद्ध की जड़ें बंटवारे के बाद पूर्वी पाकिस्तान में पैदा हुए राजनीतिक और सांस्कृतिक भेदभाव से जुड़ी हुई थी. जिसने पूर्वी पाकिस्तान के नागरिकों पर अत्याचार, नरसंहार को खतरनाक बना दिया था. जिसके चलते 26 मार्च 1971 को पूर्वी पाकिस्तान में स्वतंत्रता की मांग उठने लगी. पाकिस्तान ने इसे कुचलने की पूरी कोशिश की, लेकिन भारत ने मानवीय आधार पर पूर्वी पाकिस्तान की मदद की और उसके स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन किया. जो बाद में युद्ध में बदल गया.
#VijayDiwas
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 16, 2025
On 16 December 1971, Lt Gen AAK Niazi handed over his epaulets and revolver to the Indian Forces, marking the unconditional surrender of Pakistani Forces. Dacca erupted in joy as power was transferred to the new Government of Bangladesh.
India’s armed forces,… pic.twitter.com/bzG0EcRjJy
13 दिन चली भारत और पाकिस्तान के बीच जंग
भारत और पाकिस्तान के बीच 3 दिसंबर 1971 को युद्ध औपचारिक शुरुआत हुई. जो 13 दिनों तक चला. जिसमें भारत को निर्णायक जीत मिली. 16 दिसंबर को पाकिस्तानी सेना ने ढाका में भारतीय सेना और मुक्ति वाहिनी के सामने हथियार डाल दिए. इस दौरान पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया जो विश्व सैन्य इतिहास की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है.
भारतीय वायु सेना ने शेयर किया वीडियो
आज यानी मंगलवार 16 दिसंबर को भारतीय वायु सेना ने विजय दिवस के अवसर पर सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया. वीडियो शेयर करते हुए भारतीय वायु सेना ने लिखा, "16 दिसंबर 1971 को लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाज़ी ने अपने एपॉलेट्स और रिवॉल्वर भारतीय सेना को सौंप दिए, जो पाकिस्तानी सेना के बिना शर्त आत्मसमर्पण का प्रतीक था.
ढाका में खुशी की लहर दौड़ गई, क्योंकि बांग्लादेश की नई सरकार को सत्ता हस्तांतरित कर दी गई थी. 13 दिनों के युद्ध में भारत की सशस्त्र सेनाओं ने त्वरित और निर्णायक कार्रवाई कर इतिहास और भूगोल को नया रूप दिया और एक नए युग की शुरुआत की. भारतीय वायु सेना ने जिस वीडियो को शेयर किया है. उसमें युद्ध की शुरुआत से लेकर आखिर तक के पलों को दिखाया गया है.
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