Mehul Choksi: मेहुल चोकसी को भारत लाने के लिए बेल्जियम जाएगी CBI-ED, प्रत्यर्पण में आएगी ये चुनौती

Mehul Choksi: भारत सरकार मेहुल चोकसी को लाने की तैयारी में है. CBI-ED की टीमें इसके लिए बेल्जियम जाएगी. हालांकि, चोकसी का प्रत्यर्पण होगा या नहीं, ये तो बेल्जियम की अदालतों पर ही निर्भर होगा.

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Jalaj Kumar Mishra
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India Extradition of Mehul Choksi ED-CBI team Belgium Visit

Mehul Choksi

Mehul Choksi: आंतकी तहव्वुर राणा के बाद भारत सरकार अब हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत लाने की तैयारी में हैं. सीबीआई और ईडी की टीम इसके लिए बेल्जियम जाएगी. माना जा रहा है कि दोनों एजेंसियों के दो से तीन अधिकारियों को बेल्जियम भेजा जाएगा. इन अधिकारियों पर जिम्मा है कि वे प्रत्यर्पण प्रक्रिया के लिए डॉक्युमेंट्स तैयार करेंगे और वहां की सरकार से कॉओर्डिनेट करेंगे.

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ईडी और सीबीआई में बैठकें

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई और ईडी ने बैठकें की. बैठकों में एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरे घटनाक्रम की चर्चा की. बैठक में तय किया गया कि दोनों ही दलों की एक संयुक्त टीम जल्द की अपनी लॉ एडवाइजर टीम के साथ बेल्जियम जाएगी. केस से जुड़े अहम डॉक्युमेंट्स को जमा करके वहां की सरकार के साथ समन्वय किया जाएगा. 

गिरफ्तारी के खिलाफ अपील की तैयारी

माना जा रहा है कि मेहुल चोकसी अपने प्रत्यर्पण को चुनौती देगा. खुद उसके वकील विजय अग्रवाल ने इसका खुलासा किया. उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. मेडिकल बेसिस पर बेल की अपील की जाएगी. मेहुल का वहां कैंसर के लिए इलाज हो रहा है. इस वजह से वे वहां से भाग नहीं सकते हैं. 

आसान नहीं होगा चोकसी का प्रत्यर्पण

करीब छह माह पहले ईडी ने बेल्जियम के अधिकारियों से अनुरोध किया था कि वे चोकसी का प्रत्यर्पण किया जाएगा. इसके बाद अब चोकसी को गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि, चोकसी को भारत लाना टेढ़ी खीर है. चोकसी ने अपने खिलाफ जारी इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस को भी वापस कर लिया है. चोकसी के खिलाफ भारत के पास पर्याप्त सबूत है. लेकिन वह भारत आएगा या नहीं, ये सबकुछ बेल्जियम की अदालतों पर ही निर्भर है. 

खास बात है कि मेहुल चोकसी संजय भंडारी केस के कारण कम तनाव में है. दरअसल, भारत सरकार ने कुछ समय पहले संजय भंडारी के पत्यर्पण के लिए ब्रिटेन से अनुरोध किया था. हालांकि, लंदन की अदालत ने भारतीय जेलों की स्थिति और भारत में मानवाधिकार की स्थिति के कारण भंडारी के पक्ष में फैसला सुनाया था. अब चोकसी को उम्मीद है कि बेल्जियम की अदालत भारतीय जेलों की स्थिति को समझकर ही फैसला सुनाएगी. 



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