ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान की वायुसेना की कमर तोड़ दी थी. भारतीय वायुसेना के रूसी S400 एयर डिफेंस सिस्टम ने अपनी ताकत दिखाते हुए पाकिस्तान की कई मिसाइलों और ड्रोन को उसकी सीमा के भीतर मार गिराया था. भारत में 314 कि.मी दूर से निशाना साधा गया सिर्फ एक बटन दबा और पाकिस्तान का हवाई जासूस धराशाई कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान ने अपनी सभी एयरबोर्न वार्निंग सिस्टम को जमीन पर खड़ा कर दिया. अब ऐसे में जब पाकिस्तान S400 की ही काट नहीं खोज पा रहा है. वहीं, भारत एक कदम और आगे बढ़ने की तैयारी में है. खबर है कि भारत ने चीन और पाकिस्तान की J35 स्टील्थ फाइटर डील से निपटने के लिए रूस से S500 की खरीद को लेकर बातचीत शुरू कर दी है.
रूस के साथ S500 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद को लेकर बातचीत शुरू
एनआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत और रूस के बीच अब S500 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद को लेकर बातचीत शुरू हो गई है और अंतिम स्तर तक पहुंच चुकी है. भारत पहले ही S400 के पांच यूनिट का आर्डर रूस को दे चुका है, जिनमें से तीन यूनिट भारत को मिल भी चुके हैं. बाकी दो यूनिट 2026 तक भारत को मिल जाएंगे. S500 जो स्टेल्थ फाइटर जेट हाइपरसोनिक मिसाइल और बैलस्टिक हथियारों से निपट सकता है. S500 की रेंज 600 कि.मी तक है. यह 200 कि.मी की ऊंचाई तक ट्रैकिंग कर सकता है. अब सवाल यह उठता है कि भारत को आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी.
चीन पाकिस्तान को दे रहा हथियार
दरअसल, चीन के पास G20 और J35 जैसे स्टील्थ फाइटर जेट पहले से ही हैं और पाकिस्तान अब चीन से J35 लेने की डील कर चुका है. चीन का दावा है कि यह फाइटर जेट रडार से बचने की काबिलियत रखते हैं और सीधे भारत के अंदर गहराई तक हमला करने की क्षमता रखते हैं. ऐसे में भारत को एक ऐसी वायु रक्षा प्रणाली चाहिए जो आने वाले दशकों तक काम आए. S500 इसी जरूरत को पूरी करता है. S500 खरीदने का मतलब सिर्फ ताकत हासिल करना ही नहीं. यह एक राजनैतिक संतुलन की भी परीक्षा होगी..