पाकिस्तान के गुप्त परमाणु परीक्षण पर भारत का निशाना, कहा– ‘ऐसी अवैध गतिविधियां उसके इतिहास का हिस्सा हैं’

भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को कहा कि ऐसी गुप्त और गैरकानूनी परमाणु गतिविधियां पाकिस्तान के इतिहास का हिस्सा रही हैं और यह कोई नई बात नहीं है.

भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को कहा कि ऐसी गुप्त और गैरकानूनी परमाणु गतिविधियां पाकिस्तान के इतिहास का हिस्सा रही हैं और यह कोई नई बात नहीं है.

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Ravi Prashant
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विदेश मंत्रालय Photograph: (X@MEAIndia)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे के बाद कि पाकिस्तान ने दोबारा परमाणु परीक्षण शुरू कर दिए हैं, भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को कहा कि ऐसी गुप्त और गैरकानूनी परमाणु गतिविधियां पाकिस्तान के इतिहास का हिस्सा रही हैं और यह कोई नई बात नहीं है.

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विदेश मंत्रालय ने क्या कहा? 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा— “गुप्त और अवैध परमाणु गतिविधियां पाकिस्तान के इतिहास से जुड़ी हैं, जो तस्करी, निर्यात नियंत्रण उल्लंघन, गुप्त साझेदारियों और ए.क्यू. खान नेटवर्क जैसे मामलों से भरा पड़ा है. भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान पाकिस्तान के इसी रिकॉर्ड की ओर आकर्षित करता रहा है.” उन्होंने बताया कि भारत ने इस मुद्दे को जिनेवा में भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया है.

कोल्ड वॉर के बाद पहली बार

दरअसल, यह बयान उस समय आया है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी युद्ध विभाग (Department of War) को दोबारा परमाणु परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया है जो शीत युद्ध के बाद पहली बार होगा. ट्रंप का कहना है कि रूस, चीन, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया जैसे देश अपने-अपने परीक्षण कार्यक्रमों को बढ़ा रहे हैं, इसलिए अमेरिका को भी पीछे नहीं रहना चाहिए.

चीन और रूस लगातार कर रहे हैं परीक्षण

सीबीएस न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने दावा किया— “रूस और चीन लगातार परमाणु परीक्षण कर रहे हैं. उत्तर कोरिया भी कर रहा है, और पाकिस्तान भी. लेकिन इस पर कोई बात नहीं करता.” उन्होंने यह भी कहा कि साल की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध की स्थिति बन गई थी, जिसे उन्होंने रोकने का दावा किया.

पाकिस्तान ने क्या कहा? 

ट्रंप के इस बयान के बाद पाकिस्तान की ओर से सफाई आई है. एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने सीबीएस न्यूज़ को बताया— “पाकिस्तान पहला देश नहीं था जिसने परमाणु परीक्षण किए थे, और न ही यह पहला देश होगा जो दोबारा परीक्षण शुरू करेगा.”

पाकिस्तान ने आखिरी बार कब किया था परीक्षण

बता दें कि पाकिस्तान ने मई 1998 में बलूचिस्तान के चागाई पहाड़ियों में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण किए थे, जिन्हें “चागाई-I” नाम दिया गया था. इन परीक्षणों के पीछे पाकिस्तानी वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल क़दीर खान का बड़ा योगदान था.

SIPRI (स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट) की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास वर्तमान में लगभग 170 परमाणु वारहेड्स हैं और वह लगातार नए मिसाइल सिस्टम विकसित कर रहा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान अपने परमाणु कार्यक्रम को बेहद गोपनीय रखता है और उस पर किसी तरह का मजबूत निगरानी तंत्र नहीं है.

भारत ने कब किया था परीक्षण? 

वहीं, भारत ने 1974 में पहला और 1998 में पोखरण-II श्रृंखला के तहत परमाणु परीक्षण किए थे. भारत “Credible Minimum Deterrence” यानी न्यूनतम विश्वसनीय प्रतिरोध की नीति और “No First Use” (पहले परमाणु हमला न करने) की नीति पर कायम है. 1998 के बाद भारत ने स्वेच्छा से आगे कोई परीक्षण नहीं किया है.

दोनों देश Comprehensive Nuclear-Test-Ban Treaty (CTBT) के हस्ताक्षरकर्ता नहीं हैं, लेकिन भारत की नीति स्पष्ट रूप से जिम्मेदारी और पारदर्शिता पर आधारित है, जबकि पाकिस्तान की गतिविधियां अब भी संदेह के घेरे में हैं.

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