भारत ने IADWS का सफल उड़ान परीक्षण किया, एयर डिफेंस के क्षेत्र में नई छलांग

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, सशस्त्र बलों और उद्योग को बधाई देते हुए इसे देश की वायु रक्षा में एक महत्वपूर्ण सफलता बताया. DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने परीक्षण में शामिल सभी टीमों को शुभकामनाएं दीं.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, सशस्त्र बलों और उद्योग को बधाई देते हुए इसे देश की वायु रक्षा में एक महत्वपूर्ण सफलता बताया. DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने परीक्षण में शामिल सभी टीमों को शुभकामनाएं दीं.

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Madhurendra Kumar
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IADWS

IADWS Photograph: (News Nation)

भारत ने अपनी वायु रक्षा क्षमता में बड़ी सफलता हासिल की है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन DRDO ने 23 अगस्त 2025 को दोपहर 12:30 बजे ओडिशा तट पर इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम  यानी IADWS का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न किया. यह प्रणाली भारत की बहु-स्तरीय वायु रक्षा क्षमता को मजबूत करने और आधुनिक हवाई खतरों से निपटने में अहम भूमिका निभाती है.

IADWS क्या है?

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IADWS एक मल्टी-लेयर वायु रक्षा प्रणाली है, जिसमें विभिन्न हथियार और तकनीकें एक साथ काम करती हैं. इस प्रणाली में पूरी तरह से स्वदेशी QRSAM (Quick Reaction Surface to Air Missile), VSHORADS (Advanced Very Short Range Air Defence System) मिसाइलें और हाई पावर लेज़र आधारित Directed Energy Weapon (DEW) शामिल हैं. सभी घटक DRDO के Centralised Command and Control Centre से नियंत्रित होते हैं, जिससे मिसाइलें और लेज़र सिस्टम समन्वित और सटीक ढंग से काम करते हैं.

उड़ान परीक्षण में क्या हुआ

परीक्षण के दौरान तीन अलग-अलग लक्ष्य – दो उच्च-गति वाले UAV और एक मल्टी-कॉप्टर ड्रोन – को निशाना बनाया गया. परीक्षण में QRSAM, VSHORADS और DEW ने विभिन्न ऊँचाई और दूरी पर सभी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट किया. सिस्टम के सभी घटक जैसे कि मिसाइलें, रडार, कमांड और कंट्रोल, संचार और ड्रोन पहचान प्रणाली ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, और परीक्षण की पुष्टि Integrated Test Range, चांदीपुर के उपकरणों द्वारा की गई.

IADWS के फायदे

IADWS से भारत की वायु रक्षा में कई फायदे जुड़े हैं. यह बहु-स्तरीय सुरक्षा प्रदान करती है, जिससे अलग-अलग मिसाइल और लेज़र प्रणाली मिलकर हवाई खतरों को रोक सकती हैं. सभी तकनीकें और हथियार पूरी तरह स्वदेशी हैं, जो भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को मजबूत करती हैं. QRSAM और VSHORADS मिसाइलें तुरंत प्रतिक्रिया देने में सक्षम हैं, जबकि DEW सिस्टम दुश्मन ड्रोन और मिसाइलों को तत्काल नष्ट कर सकता है. यह प्रणाली भारतीय सशस्त्र बलों की सामरिक क्षमता को भी बढ़ाती है और क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करती है.

DRDO और रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, सशस्त्र बलों और उद्योग को बधाई देते हुए इसे देश की वायु रक्षा में एक महत्वपूर्ण सफलता बताया. DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने परीक्षण में शामिल सभी टीमों को शुभकामनाएं दीं.

रणनीतिक महत्व

यह सफलता भारत को उन्नत हवाई खतरों से बचाने में मदद करेगी और देश की सुरक्षा को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी. बहु-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली और स्वदेशी तकनीक से भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और रणनीतिक ताकत दोनों मजबूत होती हैं.

DRDO
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