भारत ने बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने साफ कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, उनकी संपत्तियों और धार्मिक स्थलों की रक्षा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है.
हिंसा के मामलों पर भारत ने जताई आपत्ति
MEA के अनुसार, 5 अगस्त 2024 से 16 फरवरी 2025 के बीच बांग्लादेश में 2374 घटनाएं दर्ज हुईं, जिनमें हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाया गया. हालांकि, बांग्लादेश पुलिस ने केवल 1254 मामलों की पुष्टि की और उनमें से 98% घटनाओं को 'राजनीतिक' करार दिया.
भारत ने इस रुख पर कड़ी आपत्ति जताई है और बांग्लादेश सरकार से मांग की है कि वह हत्याओं, आगजनी और सांप्रदायिक हिंसा के मामलों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दिलाए.
विकास परियोजनाओं पर भारत-बांग्लादेश के बीच चर्चा
भारत और बांग्लादेश के बीच विकास सहयोग एक प्रमुख क्षेत्र रहा है, लेकिन हालिया सुरक्षा स्थिति और कुछ स्थानीय समस्याओं के चलते कई परियोजनाओं की रफ्तार धीमी पड़ गई है.
MEA ने बताया कि दोनों देशों के अधिकारियों के बीच परियोजनाओं को पुनर्संगठित करने और उन्हें तय समयसीमा में पूरा करने को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. भारत ने स्पष्ट किया कि अगर बांग्लादेश सरकार लंबित मंजूरियों और आवश्यक सहयोग को सुनिश्चित करती है, तो इन परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा.
भारत की दो टूक-निष्पक्ष कार्रवाई हो, विकास में बाधा न आए
भारत ने साफ कर दिया है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और हिंसा पर कार्रवाई को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच विकास परियोजनाओं को भी किसी राजनीतिक या प्रशासनिक देरी का शिकार नहीं बनने दिया जाएगा.