India Russia Trade : ट्रंप टैरिफ के बीच रूस का भारत के लिए बहुत बड़ा ऐलान!

रूस के ताजा डिस्काउंट ऑफर के बाद भारतीय सरकारी तेल कंपनियां भारत पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल ने रूस से सितंबर और अक्टूबर की डिलीवरी के लिए फिर से खरीद शुरू कर दी है.

रूस के ताजा डिस्काउंट ऑफर के बाद भारतीय सरकारी तेल कंपनियां भारत पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल ने रूस से सितंबर और अक्टूबर की डिलीवरी के लिए फिर से खरीद शुरू कर दी है.

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Mohit Sharma
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India Russia Trade: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत को रूस से तेल खरीदने को लेकर धमकी दे रहे हैं. लेकिन इन धमकियों के बीच रूस ने साफ कर दिया कि भारत को कच्चे तेल पर 5% की छूट मिलती रहेगी. भारत में रूस के उप व्यापार प्रतिनिधि का नाम एवगेनी ग्रीवा है ने दो टू कहा कि भारत और रूस का ऊर्जा सहयोग किसी तीसरे देश की राजनीति पर निर्भर नहीं है. ट्रंप ने हाल ही में भारत को निशाना बनाते हुए 25-25% अतिरिक्त टेरिफ लगाने का ऐलान किया था. उनका आरोप है कि रूस से तेल खरीदार भारत अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद कर रहा है. लेकिन भारत का जवाब है बिल्कुल साफ वो यह कि ऊर्जा आयात एक आर्थिक जरूरत है.  किसी देश की आंतरिक राजनीति का हिस्सा नहीं.

 क्या है पूरा मामला

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रूस के ताजा डिस्काउंट ऑफर के बाद भारतीय सरकारी तेल कंपनियां भारत पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल ने रूस से सितंबर और अक्टूबर की डिलीवरी के लिए फिर से खरीद शुरू कर दी है. यूरोल्स क्रूड पर छूट $3 प्रति बैरल तक बढ़ गई है. यही वजह है कि रिफाइनरियों के लिए यह सौदा फिर से फायदेमंद हो गया है. इससे जुलाई में जब छूट कम हो गई थी और अमेरिकी दबाव बढ़ गया था तब भारतीय रिफाइनरी ने खरीद घटा दी थी. उस वक्त रूस का बड़ा हिस्सा चीन ने खरीद लिया. यानी जब भारत पीछे हटा तो चीन आगे बढ़ गया और जब छूट बढ़ी तो भारत ने वापसी कर दी. आंकड़े बताते हैं कि जुलाई में भारत का रूसी तेल आयात 15 लाख बैरल प्रतिदिन तक गिर गया था. यह जून की तुलना में कम था. उस महीने भारत की कुल आयात में रूस का हिस्सा 34% रहा. यह सितंबर 2023 के बाद सबसे निचला स्तर था. फिर भी रूस भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर बना हुआ है.

अमेरिका बढ़ा रहा टैरिफ, रूस दे रहा डिस्काउंट

इसके बाद इराक और सऊदी अरब का नंबर आता है. हालांकि Reliance जैसी निजी कंपनियों ने जुलाई में अपनी खरीद 16% घटा दी थी. सरकारी कंपनियों ने भी अगस्त और सितंबर में अमेरिका और खाड़ी देशों से वैकल्पिक सप्लाई ली. कुल मिलाकर भारत ने अमेरिका को साफ संदेश दे दिया है कि उसके लिए ऊर्जा सुरक्षा सबसे पहले. इंडियन ऑयल ने कहा कि वो वैश्विक बाजार की स्थिति और आर्थिक हालात देखकर रूसी तेल खरीदना जारी रखेंगे. यानी अमेरिकी धमकियों और टेरिफ के वॉर के बावजूद भारत अपनी रणनीति खुद तय करेगा. कुल मिलाकर तस्वीर यह है कि एक ओर राष्ट्रपति ट्रंप दबाव बना रहे हैं. टैरिफ बढ़ा रहे हैं तो दूसरी ओर रूस भारत को डिस्काउंट का ऑफर दे रहा है.

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