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प्रेसिडेंट पुतिन Photograph: (X/ANI)
नई दिल्ली में आयोजित 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि दोनों देश एक स्वतंत्र, आत्मनिर्भर और संतुलित विदेश नीति को आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि BRICS और SCO जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भारत और रूस समान सोच वाले देशों के साथ प्रभावी साझेदारी निभा रहे हैं. पुतिन ने कहा कि दोनों देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संयुक्त राष्ट्र में निहित सिद्धांतों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने उल्लेख किया कि अगले वर्ष भारत BRICS की अध्यक्षता संभालेगा और रूस उससे जुड़े सभी प्रयासों में भारत का पूर्ण सहयोग करेगा.
भारत-रूस संबंध ‘ध्रुव तारे’ की तरह स्थायी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले आठ दशकों में विश्व ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन भारत-रूस मित्रता हमेशा स्थिर और दृढ़ बनी रही है. उन्होंने इस संबंध को ‘ध्रुव तारे’ की तरह बताया जो हर परिस्थिति में मार्गदर्शन करता है. मोदी ने पुतिन के साथ बातचीत में कहा कि भारत और रूस की रणनीतिक साझेदारी वैश्विक शांति, स्थिरता और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है.
रक्षा सहयोग और आधुनिकीकरण पर जोर
पुतिन ने कहा कि रूस पिछले कई दशकों से भारतीय सेना के आधुनिकीकरण में अहम भूमिका निभाता रहा है. इसमें वायु रक्षा, नौसेना, वायुसेना सहित विभिन्न सेनाओं का उन्नयन शामिल है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच हालिया वार्ता बेहद सकारात्मक रही और इससे रक्षा तथा अत्याधुनिक प्रणालियों के क्षेत्र में नए आयाम खुलेंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि इस यात्रा से सामरिक साझेदारी और गहरी होगी.
तेजी से बढ़ता व्यापार और 100 अरब डॉलर का लक्ष्य
राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले वर्ष 12 प्रतिशत बढ़कर लगभग 64 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रवृत्तियों को देखते हुए दोनों देश इसे 100 अरब डॉलर तक ले जाने की क्षमता रखते हैं. उन्होंने बताया कि मुक्त व्यापार समझौते पर भारत और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के बीच वार्ता जारी है, जो व्यापारिक संबंधों को नई दिशा दे सकता है.
परिवहन कॉरिडोर और नई परियोजनाएं
पुतिन ने बताया कि रूस और भारत उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर सहित नए अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर मिलकर कार्य कर रहे हैं. यह कॉरिडोर रूस या बेलारूस से भारतीय महासागरीय तट तक व्यापार को तेज और सुगम बनाएगा. उन्होंने कहा कि हाई-टेक विमानन, अंतरिक्ष अनुसंधान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में भी नए अवसर खुल रहे हैं.
न्यूक्लियर सहयोग और राष्ट्रीय मुद्रा में व्यापार
दोनों देशों ने ऊर्जा सुरक्षा को साझेदारी का मजबूत स्तंभ बताया. पुतिन ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्राओं में भुगतान का हिस्सा 96 प्रतिशत तक पहुंच चुका है. रूस में निर्माणाधीन भारत की सबसे बड़ी परमाणु ऊर्जा परियोजना में छह में से तीन रिएक्टर पहले ही ऊर्जा ग्रिड से जुड़ चुके हैं. मोदी ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा, क्रिटिकल मिनरल्स और हाई-टेक निर्माण में इस सहयोग से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं मजबूत होंगी.
‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देगा शिपबिल्डिंग सहयोग
मोदी ने कहा कि जहाज निर्माण में द्विपक्षीय सहयोग रोजगार, कौशल विकास और क्षेत्रीय संपर्क को प्रोत्साहित करेगा. उन्होंने कहा कि भारत-रूस आर्थिक सहयोग कार्यक्रम 2030 तक दोनों देशों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा. आर्थिक, सामरिक और ऊर्जा साझेदारी में नई दिशा मिलने से यह संबंध भविष्य में और मजबूत होने की उम्मीद है.
#WATCH | Delhi | Russian President Vladimir Putin says, "Our countries are gradually moving towards the use of national currencies for payment settlements. The share is 96 per cent already in commercial payments." pic.twitter.com/7GznebbZx8
— ANI (@ANI) December 5, 2025
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