India-Pakistan
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए तो भारत ने पाकिस्तान की कमर तोड़ ही दी है, लेकिन अब आगे भी पाकिस्तान को तड़पाने की तगड़ी प्लानिंग मोदी सरकार ने कर ली है. पाकिस्तान को आतंकवाद के मसले पर सुरक्षा परिषद यानी यूएनएससी में भी घेरने की रणनीति भारत ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के जरिए जोरदार तरीके से तैयार की है. पाकिस्तान मौजूदा समय में सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य है. ऐसे में भारत ने अपने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में उन पांच देशों के दौरे को भी शामिल किया है जो अगले साल सुरक्षा परिषद के सदस्य बनेंगे. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान का कार्यकाल खत्म होने यानी 2026 के अंत तक आतंकवाद पर उसे घेरा भी जा सके और आतंकवाद से पल्ला झाड़ने वाले आतंकिस्तान की चाल को बेनकाब किया जा सके.
आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई मुहिम
आपको बता दें कि पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ भारत के कुल सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में से तीन प्रतिनिधिमंडल दुनिया की तीन दिशाओं में जा चुके हैं. पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सर्वदलीय डेलीगेशन की रणनीति का एक बड़ा फोकस सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान को मजबूत तरीके से तब तक घेरे रखना है. जब तक वो सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य है और यही वजह है कि भारत का सर्वदलीय डेलीगेशन यूएनएससी के मौजूदा 15 सदस्य देशों में 12 देशों में तो जा ही रहा है. इसके अलावा पांच अन्य देशों में भी जा रहा है जो अभी सुरक्षा परिषद के सदस्य ना हो लेकिन अगले साल की शुरुआत में 2 साल के लिए बन जाएंगे. यह सदस्य देश होंगे लात्विया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, बहरीन, साइबेरिया और कोलंबिया. आपको बता दें कि यह पांच देश 1 जनवरी 2026 से 31 दिसंबर 2027 तक यूएएससी के अस्थाई सदस्य रहेंगे और मौजूदा में यूएनएससी का स्थाई सदस्य पाकिस्तान 31 दिसंबर 2026 तक ही सदस्य होगा.
सर्वदलीय डेलीगेशन भेजने का मकसद
ऐसे में इन पांच देशों में सर्वदलीय डेलीगेशन भेजने का मकसद यह है कि आतंकवाद के बचाव में पाकिस्तान के तर्कों के खिलाफ इन देशों को सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने से पहले ही पूरी जानकारी हो. गौर करने वाली बात यह है कि सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान अपने सहयोगी देश चीन की मदद से आतंकवाद का बचाव हमेशा करता रहा है और यही वजह है कि पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ दुनिया भर में भारत की मुहिम में भारत ने चीन को भी अलग रखा है और सर्वदलीय डेलीगेशन चीन नहीं भेजा है. ऐसे में आतंकवाद के मसले पर सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के साथ-साथ चीन को अलग-थलग किया जा सके. इसलिए सुरक्षा परिषद के मौजूदा 12 सदस्य देशों के साथ अगले पांच सदस्य देशों को भी भारत ने अपनी सूची में रखा है ताकि इन देशों को पाकिस्तान के आतंकवाद पर सही और स्पष्ट जानकारी हो.