India Pakistan Tension: पाकिस्तान की ओर से भारतीय सेना के साइबर स्पेस पर हमले की एक और नाकाम कोशिश सामने आई है। नियंत्रण रेखा (LoC) पर रोजाना संघर्षविराम उल्लंघन और हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद अब पाकिस्तान ने भारत के डिजिटल मोर्चे पर घुसपैठ करने की कोशिश की — लेकिन भारतीय सेना की मजबूत और सतर्क साइबर सुरक्षा प्रणाली ने इसे नाकाम कर दिया।
पाकिस्तान-स्थित साइबर ग्रुप “IOK Hacker” (Internet of Khilafah) ने सेना से जुड़ी कुछ सार्वजनिक वेबसाइट्स को निशाना बनाया। इनमें आर्मी पब्लिक स्कूल श्रीनगर और रानीखेत की वेबसाइट्स, आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गेनाइजेशन (AWHO) का डाटाबेस और भारतीय वायुसेना का प्लेसमेंट पोर्टल शामिल हैं। हैकर्स का उद्देश्य था इन वेबसाइट्स को डिफेस करना, सेवाओं को बाधित करना और निजी जानकारी चुराना।
भारत की तत्परता ने हर कदम पर तोड़ी पाकिस्तान की चाल
भारतीय साइबर एजेंसियों ने इन हमलों का तत्काल पता लगाया और सभी गतिविधियों को लाइव ट्रैक करते हुए उनकी लोकेशन पाकिस्तान में पाई। चारों वेबसाइट्स को तुरंत अलग कर दिया गया और रिस्टोरेशन की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान किसी भी संवेदनशील या ऑपरेशनल नेटवर्क को कोई नुकसान नहीं हुआ।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना पाकिस्तान की रणनीति और क्षमता — दोनों की सीमाएं उजागर करती है। जब पाकिस्तान भारतीय रक्षा नेटवर्क को भेदने में असफल रहा, तो उसने कम सुरक्षा वाली, जनसामान्य के लिए उपलब्ध वेबसाइट्स को निशाना बनाया।
APS पर विशेष हमले, लेकिन सेना रही सजग
Army Public School श्रीनगर की वेबसाइट को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया, जहां DDoS (Distributed Denial of Service) हमला भी किया गया, जिससे वेबसाइट की सेवाएं कुछ समय के लिए बाधित हुईं। लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों ने समय रहते सिस्टम को स्थिर कर लिया।
सेना की डिजिटल सुरक्षा अभेद्य किले जैसी
भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी साइबर तैयारियों को लगातार अपग्रेड कर रही है। सेना का लक्ष्य न केवल अपनी ऑपरेशनल सुरक्षा बनाए रखना है, बल्कि जवानों और उनके परिवारों से जुड़ी हर डिजिटल सुविधा को भी पूरी तरह संरक्षित रखना है।
पाकिस्तान की साइबर रणनीति में हताशा झलकती है
सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, जब पाकिस्तान को भारतीय क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर में सफलता नहीं मिली, तो उसने ध्यान कमजोर लिंक की ओर मोड़ लिया — लेकिन वहां भी भारत की सतर्कता ने उसे पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। यह घटना स्पष्ट करती है कि भारतीय सेना न केवल सीमाओं पर बल्कि डिजिटल युद्धक्षेत्र में भी पूरी तरह सक्षम है। साइबर सुरक्षा की आधुनिक परतों और तेज़ प्रतिक्रिया प्रणाली ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत का डिजिटल आकाश दुश्मनों के लिए छूना भी आसान नहीं।
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