इंडियन कोस्ट गार्ड ने ने एक साहसिक और चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन के तहत नौ भारतीय नाविकों को बचाने में सफलता प्राप्त की है. यह नाविक एमएसवी ताज धारे हरम नामक जहाज पर सवार थे, जो गुजरात के पोरबंदर से लगभग 311 किलोमीटर पश्चिम उतर अरब सागर में, पाकिस्तान के सर्च एंड रेस्क्यू क्षेत्र में डूब रहा था. यह बचाव अभियान कठिन समुद्री परिस्थितियों में हुआ जिसमें भारतीय व पाकिस्तानी समुद्री बचाव समन्वय केंद्रों (MRCCs) ने बेहतरीन समन्वय का उदाहरण पेश किया.
कैसे हुआ हादसा
एमएसवी ताज धारे हरम गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से यमन के सोकोत्रा की ओर जा रहा था. समुद्र की ऊंची लहरों और जहाज में पानी भरने के कारण यह हादसा हुआ. गश्ती अभियान के दौरान भारतीय तटरक्षक बल के डॉर्नियर विमान ने जहाज से एसओएस कॉल यानि आपात संदेश को पकड़ा. इसके बाद मुंबई स्थित एमआरसीसी और गांधीनगर में आईसीजी क्षेत्रीय मुख्यालय (उत्तर पश्चिम) ने तुरंत कार्रवाई शुरू की.
भारत और पाकिस्तान का सफल ज्वाइंट ऑपरेशन
भारत ने आईसीजी जहाज "शूर" को घटनास्थल के पास गश्त के दौरान तुरंत मौके पर भेजा गया. वहीं, एमआरसीसी पाकिस्तान ने भी क्षेत्र के अन्य जहाजों को सतर्क किया. कई घंटों की कड़ी तलाश के बाद, नाविकों को लाइफ राफ्ट पर पाया गया, जहां वे जहाज छोड़ने के बाद शरण ले रहे थे. फिर भारत और पाकिस्तान के ज्वाइंट ऑपरेशन से इन 9 नाविकों को सुरक्षित निकाला गया.
सुरक्षित बचाव और स्वास्थ्य परीक्षण
यह ऑपरेशन 26 दिसंबर शाम 4 बजे पूरा हुआ, ठीक उस समय जब जहाज पूरी तरह डूबने वाला था. आईसीजीएस शूर पर सभी नाविकों को सुरक्षित रूप से लाया गया और उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. सभी को स्वस्थ पाया गया और उन्हें प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की गई.
पोरबंदर के लिए रवाना
सभी बचाए गए नाविकों को अब पोरबंदर बंदरगाह लाया जा रहा है. इस बचाव अभियान ने भारत और पाकिस्तान के बीच समुद्री क्षेत्र में मानवीय सहयोग और त्वरित कार्रवाई की मिसाल पेश की है.