पहलगाम में आतंकी हमले के बाद से भारत ने आक्रामक रुख अपना लिया है. पाकिस्तान के खिलाफ बड़े अभियान की तैयारी हो चुकी है. भारत ने सिंधू जल संधि को स्थगित कर दिया है. राजनयिक संबंधों में कटौती की गई है. व्यापार और डाक सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया है. इसके साथ कई ऐसे कदम उठाए हैं जो दर्शाते हैं कि अब कुछ बड़ा होने वाला है. पाकिस्तान को गहरी चोट देनी अभी बाकी है. यह चोट सेना ही दे सकती है.
सेना की ओर से मिल रहे संकेत
भारत की तैयारियों से साफ लग रहा है कि कोई कार्रवाई हो सकती है. पाकिस्तान भी तनाव को महसूस कर रहा है. ऐसे में यहां के रक्षा मंत्री रोजाना किसी बड़े हमले को लेकर आशंका जाहिर कर रहे हैं. हाल में भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित का बयान सामने आया है, उन्होंने कहा कि रूस में विक्ट्री डे के बाद भारत 10-11 मई को पाकिस्तान पर हमला करने जा रहा है.
ऐसा बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री ने अपना रूस दौरा रद्द कर दिया है. रूस 9 मई को विक्ट्री डे मना रहा है. उसने पीएम मोदी और रक्षा मंत्री को न्योता दिया था. पाकिस्तान के पूर्व हाई कमिश्नर अब्दुल बासित के बयान से और भारत की तैयारियों से लग रहा है कि 10 या 11 मई को भारत पाकिस्तान पर हमला कर सकता है. दरअसल, 7 मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल होने वाली है. इसमें नागरिकों को जंग के दौरान खुद को कैसे सुरक्षित रखें, इसकी ट्रेनिंग मिलेगी. लोगों को जागरुक किया जाएगा. 1971 के बाद ऐसा ड्रिल होने वाली है.
ख्वाजा आसिफ को सताया डर
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का कहना है कि भारत किसी भी समय कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर सैन्य हमला कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री ने इस्लामाबाद में कहा, ऐसी खबरें हैं कि भारत एक दो दिनों में यह हमला कर सकता है.
मॉक ड्रिल के 4 दिन के बाद हमला
1971 में भारत और पाकिस्तान की जंग में इस तरह की मॉक ड्रिल की गई थी. इस ड्रिल के चार दिन बाद दोनों देशों के बीच जंग छिड़ गई थी. नवंबर के अंतिम सप्ताह में मॉक ड्रिल को रखा गया था. 3 दिसंबर को जंग शुरू हो गई थी. मॉक ड्रिल से पहले थल, नभ और वायु सेनाएं अभ्यास में जुटी हुई हैं. यूपी के गंगा एक्सप्रेस वे पर वायुसेना ने अभ्यास किया. इसमें लड़ाकू विमानों ने ताकत आजमाई. बीते शुक्रवार को वायुसेना ने एक्सप्रेस वे पर दो चरणों में अभूतपूर्व सैन्य अभ्यास किया है. वहीं सीमाओं पर थल सेना अलर्ट हैं और अभ्यास में जुटी हुई हैं.