भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सटी दक्षिणी सीमा के करीब सात और 8 मई को बड़े पैमाने पर वायु सैन्य अभ्यास के लिए 'नोटिस टू एयरमेन' (NOTAM) जारी किया है. इस अभ्यास को लेकर विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है. मगर, NOTAM के जरिए यह स्पष्ट हो गया है कि इस दौरान क्षेत्र की हवाई सीमा को प्रतिबंधित किया जाएगा. यह भारत की वायुसेना की ओर से एक विशाल सैन्य ड्रिल की तैयारी को दर्शाता है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत-पाकिस्तान सीमा पर रेगिस्तानी क्षेत्र और उससे सटे इलाकों में अभ्यास के वक्त राफेल, मिराज 2000 और सुखोई-30 समेत कई लड़ाकू विमान होंगे. यह जमीनी हमले और हवा से हवा में युद्ध करने के लिए अभ्यास करेंगे. लड़ाकू विमानों की ओर से हवाई रक्षा अभ्यास भी आयोजित किए जाएंगे. वायुसेना में मिग-29 की अहम भूमिका देखी जाती है. वायुसेना के इस अभ्यास की निगारानी अधिकारियों की ओर से होती है.
NOTAM आमतौर पर तब जारी होता है जब किसी खास हवाई क्षेत्र में वायुसेना अभ्यास हो रहा हो. NOTAM एक बड़े स्तर पर किए अभ्यास को दर्शाता है. यह पाकिस्तान के साथ मौजूदा कूटनीतिक तनाव की गंभीरता को दर्शाता है. यह कदम उस समय उठाया गया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. आपको बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी. इससे पूरे देश में आक्रोश का माहौल है.
बीते माह हुआ था बड़ा युद्ध अभ्यास
आपको बता दें कि 25 अप्रैल को भारतीय वायुसेना और नौसेना ने एक संयुक्त सैन्य अभ्यास किया था. इस अभ्यास में राफेल और सुखोई-30MKI जैसे आधुनिकतम लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया. देश के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में विशेषकर पहाड़ी इलाकों में उच्च तीव्रता वाले जमीनी हमलों का अभ्यास किया गया था. यह पूरा अभ्यास वायुसेना के बड़े अधिकारियों की निगरानी में हुआ. पायलटों ने लंबी दूरी तक उड़ान भरने वाले मिशन और सटीक निशानेबाजी का भी प्रदर्शन किया.
1971 में पहली सिविल डिफेंस ड्रिल
सरकार अब देशभर में नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) अभ्यास कराने जा रही है. 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद ऐसा पहली बार होगा. यह अभ्यास 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 259 स्थानों पर होगा. इसका लक्ष्य आम नागरिकों को संभावित युद्ध या आपातकालीन हालात से निपटने के लिए होता है.